Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्षस का मानना है कि मामला संवेदनशील है और लाखों लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी है, ऐसे में रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक होने से सामाजिक ताने बाने पर असर पड़ सकता है.
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Gyanvapi Case: भारतीय पुरातत्व सर्वे विभाग (ASI) ने आज यानी 18 दिसंबर को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जुड़ी अपनी रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सील बंद लिफाफे में सौंप दी है. इस रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में सौंपने पर हिंदू पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई है.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सौंपी गई है. मस्जिद कमेटी अंजुमन इंतेजामिया का कहना है कि इस रिपोर्ट के बारे में किसी से बान न की जाए और मीडिया को ये रिपोर्ट न दिखाई जाए. कोर्ट ने इसके लिए अगली तारीख 21 दिसंबर को सुनवाई करेगी. जब दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगला आदेश पारित किया जाएगा."
जैन ने ASI के इस कदम को सुप्री कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए कहा, "ASI ने इस रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में पेश करके सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का उल्लंघन किया है. ये रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश ही नहीं हो सकती थी. हमने प्रार्थना पत्र दिया है कि रिपोर्ट की कॉपी हमें ईमेल पर उपलब्ध कराई जाए."
इस बीच रिपोर्ट जमा होने से पहले अंजुमन इंतेजामिया की तरफ से एक प्रार्थना पत्र जिला अदालत में दिया गया, जिसमें यह अपील की गई है कि किसी पक्ष को बगैर हलफनामा दिए रिपोर्ट की कॉपी न दी जाए. ऐसा पिछले साल हुए न्यायालय सर्वे से संबंधित जानकारियों के सार्वजनिक होने के बाद किया गया है.
वहीं मुस्लिम पक्षस का मानना है कि मामला संवेदनशील है और लाखों लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी है, ऐसे में रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक होने से सामाजिक ताने बाने पर असर पड़ सकता है. मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन ने कहा, "याचिका में यह मांग भी की गई है कि रिपोर्ट में ज्ञानवापी को लेकर जो भी जानकारी दिए गए हैं. उसकी जानकारी मुस्लिम पक्ष को भी दी जाए."
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