Hijab Controversy: कर्नाटक से शुरू हुआ बुर्का विवाद अब महाराष्ट्र के एक कॉलेज तक पहुंच गया है. बुर्का पहने छात्राओं को कॉलेज में एंट्री नहीं मिली. जिसके बाद भारी बवाल हो गया.
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Hijab Controversy: कर्नाटक के उड्डपी से शुरू हुआ 'बुर्का विवाद' अब महाराष्ट्र के एक कॉलेज में देखने को मिला है. मुंबई के एक कॉलेज ने छात्राओं को बुर्का पहनकर परिसर में एंट्री करने से रोक दिया. छात्रों और अभिभावकों ने कॉलेज गेट पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद मुम्बई पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद छात्राओं की एंट्री मिली. हालांकि ये छूट 8 अगस्त तक है. हालांकि कॉलेज प्रशासन की ओर से कहा गया है कि कॉलेज में ड्रेस लागू किया गया है और नियमों के बारे में अभिभावकों को पहले ही बता दिया गया था.
पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "चेंबूर स्थित कॉलेज के सुरक्षा गार्डों ने छात्रों से बुधवार को एंट्री करने से पहले अपना बुर्का हटाने के लिए कहा, क्योंकि कॉलेज की अपनी ड्रेस है. इससे विवाद पैदा हो गया क्योंकि छात्रों के माता-पिता भी कॉलेज पहुंच गए और गेट के बाहर के प्रदर्शन करने लगे."
इस घटना पर बोले कॉलेज के प्रिंसिपल
इस घटना को लेकर डीके मराठे कॉलेज की प्रिंसिपल विद्या गौरी लेले ने कहा, "कॉलेज ने इस साल एक ड्रेस कोड लागू किया है और नियमों के बारे में अभिभावकों को पहले ही बता दिया गया था. 1 मई को हमने इस नई ड्रेस कोड नीति पर चर्चा करने के लिए माता-पिता के साथ एक बैठक की थी. हमने बुर्का, हिजाब, स्कार्फ और स्टिकर पर प्रतिबंध समेत हर चीज के बारे में सूचित किया था. उस वक्त ड्रेस कोड पर सभी ने सहमति जताई थी. लेकिन वे अब विरोध कर रहे हैं. जो भी छात्रा ड्रेस कोड पर आपत्ति जताती है, वह कॉलेज छोड़ने के लिए स्वतंत्र है."
बुर्का पहनने वाली छात्राओं ने क्या कहा
आपत्ति जताने वाली कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं ने कहा, "उन्हें हिजाब या बुर्का पहने बिना घर से निकलने में असहजता महसूस होती है. क्योंकि यह उनके लिए एक धार्मिक प्रथा है."
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल कर्नाटक के उड्डपी जिला में एक कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने से विवाद पैदा हो गया था. इस घटना के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुआ था.
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