Holi 2024: होली पर मुस्लिम परिवार रोजा रह कर बना रहे हैं 'गुलाल गोटा'; कारोबारियों में खुशी
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Holi 2024: होली पर मुस्लिम परिवार रोजा रह कर बना रहे हैं 'गुलाल गोटा'; कारोबारियों में खुशी

Muslims Making Gulal Gota: राजस्थान के जयपुर में इन दिनों कई मुस्लिम परिवार गुलाल गोटा बनाने में बिजी हैं. कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार इनकी अच्छी बिक्री होगी. 

Holi 2024: होली पर मुस्लिम परिवार रोजा रह कर बना रहे हैं 'गुलाल गोटा'; कारोबारियों में खुशी

Muslims Making Gulal Gota: राजस्थान के जयपुर और इसके आस-पास के इलाकों में गुलाल गोटा बनाया जा रहा है. जयपुर में गुलाल गोटा खासकर मुस्लिम परिवार बनाता है. इन दिनों रमजान चल रहा है. ऐसे में कई मुस्लिम परिवार रोजा रहकर गुलाल बना रहे हैं. इसी महीने 25 मार्च को होली है. ऐसे में यहां गुलाल गोटा की खूब डिमांड है.

क्या है गुलाला गोटा
गुलाल गोटा एक छोटी गुंब्बारे नुमा चीज होती है. गुलाल गोटा को लाख को गर्म करके बनाया जाता है. इसको फुंकनी से फूंका जाता है. इसके अंदर गुलाल भरा जाता है. होली के मौके पर किसी शख्स पर यह फेंक कर मारा जाता है. गुलाल गोटा जब किसी शख्स पर पड़ता है, तो फूट जाता है. इस तरह से वह शख्स पूरी तरह से रंग में सराबोर हो जाता है. अच्छी बात यह है कि गुलाल गोटा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है. यह अरारोट रंगों से बना होता है. गुलाल गोटा को राजस्थान में ज्यादातर मुस्लिम परिवार ही बनाते हैं. ये काम पीढ़ियों से चला आ रहा है.

कब से है चलन?
शाही परिवार गुलाल गोटा से होली खेलना काफी पसंद करते हैं. गुलाल गोटा से होली खेलने की परंपरा तकरीबन 400 साल पुरानी है. राजस्थान में उस वक्त के शाही परिवार गुलाल गोटा से होली खेला करते थे. तब भी गुलाल गोटा को मुस्लिम परिवार ही बनाता था.

मरियम बना रही गुलाल गोटा
टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि मरयम एक मुस्लिम हैं और वह रमजान के महीने में रोजा रहकर गुलाल बनाती हैं. मरियम खान अपने घर में लाख के छोटे गुब्बारों में गुलाल भर रही हैं. उनका कहना है कि यह काम जयपुर की विरासत और मुस्लिम विरासत का हिस्सा है. गुलाल गोटा हर्बल और जैविक रंगों से भरे होते हैं. होली के दिनों में इनकी खूब मांग होती है. 

मुस्लिमों की विरासत
जयपुर में गुलाल गोटा की दुकान चलाने वाले खान कहते हैं कि "आजकल कई मुस्लिम परिवार गुलाल गोटा बनाने में बिजी हैं. यह हमारी विरासत का हिस्सा है. हम इन छोटी गेंदों को बनाना बहुत पसंद करते हैं."

इबादत के साथ काम
मोहम्मद शमशेर का कहना है कि "सालों से हमारे परिवार ने इस काम को संरक्षित किया है. यह हमारे लिए सिर्फ एक कारोबार नहीं है. यह हमारी विरासत है." उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि "रमजान में हम अपनी इबादत करते हैं. इसके साथ लगन से हम अपना काम करते हैं. हम इसलिए जी तोड़ मेहनत करते हैं, ताकि होली लोगों के दरमियान खुशियां लेकर आए."

गुलाल गोटा की डिमांड
जैसे-जैसे होली करीब आ रही है, गुलाल गोटा की डिमांड बढ़ रही है. इलाके के लोगों को इस साल अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है. एक पैकेट जिसमें 6 गुलाल होते हैं उन्हें 150 रुपये में बेचे जा रहे हैं. कारोबारी होली से पहले कई बाजारों में होली हॉट लगाने की सोच रहे हैं. 

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