Uttar Pradesh: मुजफ्फरनगर की मस्जिद में पुलिस ने की मुस्लिमों की 'नो एंट्री'; यह है वजह
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2384275

Uttar Pradesh: मुजफ्फरनगर की मस्जिद में पुलिस ने की मुस्लिमों की 'नो एंट्री'; यह है वजह

Muzaffarnagar Mosque News: उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर की जेल में मौजूद एक मस्जिद में मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोक दिया गया है. मकामी मुसलमानों का इल्जाम है कि जेलर ने उनके साथ बदतमीजी की है. लेकिन जेलर ने इससे इंकार किया है.

 Uttar Pradesh: मुजफ्फरनगर की मस्जिद में पुलिस ने की मुस्लिमों की 'नो एंट्री'; यह है वजह

Muzaffarnagar Mosque News: उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर से मुसलमानों से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. मुजफ्फरनगर के जेल परिसर में अंग्रेजों के जमाने से मौजूद मस्जिद में मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोक दिया गया है. सौ साल से ज्यादा वक्त से इस मस्जिद में नमाज पढ़ रहे आसपास के मुस्लिमों को अब इस मस्जिद में जाने से रोक दिया गया है. जिसको लेकर मुस्लिमों में भारी रोष है. फजीहत के बाद इस मामले में जेल प्रशासन ने सफाई दी है कि जेल परिसर एक संवेदनशील इलाका होता है. सुरक्षा के लिहाज से बाहरी लोगों के लिए ये व्यवस्था की गई है.

1883 से मौजूद है मस्जिद
मुजफ्फरनगर के जेल के परिसर में अंग्रेजी हुकूमत (1838) से ही एक मंदिर और मस्जिद बराबर-बराबर मौजूद है. दोनों में ही 100-150 साल से जेल परिसर और आसपास रहने वाले हिंदू-मुस्लिम अपने-अपने धर्म के मुताबिक यहां इबादत और पूजा करते हैं. लेकिन सोमवार से जेल परिसर में मौजूद मस्जिद में आसपास रहने वाले मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोक दिया गया है. जेल के बाहरी गेट पर मौजूद पुलिस चौकी से ही नमाजियों को वापस लौटा दिया जा रहा है. जेल प्रशासन इस व्यवस्था के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दे रहा है. 

यह भी पढ़ें: Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इसलिए नहीं हो पाई सुनवाई; अगली सुनवाई 21 अगस्त को

जेलर पर लगाए इल्जाम
जेल प्रशासन की तरफ से उठाए गए इस कदम के खिलाफ स्थानीय लोगों ने जेलर पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. आसपास के रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि जेलर की तरफ से उनके साथ बदतमीजी की गई और सलाखों के पीछे भेजने की धमकी दी गई. जब वो लोग नमाज के लिए मस्जिद में जा रहे थे, तो उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया. पुलिस ने लोगों से कहा कि कि जेलर ने नमाज के लिए किसी को भी अंदर आने से रोकने का आदेश दिया है. स्थानीय निवासी मोहम्मद रफी का इल्जाम है कि इसके बाद वो लोग जेलर से मिले, तो उन्होंने धमकी दी और साफ तौर पर जेल परिसर की मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए एंट्री देने से इनकार कर दिया.

पुलिस ने मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोका
ये पूरा विवाद सोमवार की रात उस वक्त शुरू हुआ, जब स्थानीय निवासी दिव्यांग मोहम्मद फबी खान जेल परिसर की इस मस्जिद से नमाज अदा करके वापस लौट रहा था. उसे सुरक्षाकर्मियों ने रोका और कथित तौर पर जेल परिसर में मौजूद मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए दोबारा नहीं आने की हिदायत दी. मोहम्मद फबी खान का इल्जाम है कि उसने इस बात की मुखालफत की.तो सुरक्षाकर्मी की तरफ से उसके साथ बदतमीजी की गई. इसी बीच जेलर भी वहां आ गए और उन्होंने भी साफ तौर पर जेल परिसर की मस्जिद में नमाज के लिए नहीं आने की हिदायत दी. फबी खान का इल्जाम है कि उसके साथ जेलर ने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया और बदतमीजी की.

पुलिस ने दी सफाई
वहीं दूसरी तरफ, पूरे मामले में फजीहत होने के बाद जेल अधीक्षक ने मीडिया से रूबारू होते हुए कहा कि सभी इल्जाम बेबुनियाद और निराधार हैं. सुरक्षा लिहाज से केवल बाहरी लोगों को जेल परिसर के अंदर आने की इजाजत नहीं दी जा रही है. जेल परिसर में कारागार कर्मचारियों के परिवार रहते हैं. उनकी सुरक्षा को देखते हुए बाहरी लोगों के प्रवेश को रोका गया है.

Trending news