जेल में बंद ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नर्गिस मोहम्मदी को मिला नोबेल शांति पुरस्कार
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जेल में बंद ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नर्गिस मोहम्मदी को मिला नोबेल शांति पुरस्कार

Narges Mohammadi wins the Nobel Peace Prize: नर्गेस मोहम्मदी ईरानी में महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाती हैं.. इस वक्त वह जेल में बंद है. 2022 में ईरान सरकार ने उन्हें आठ साल जेल की सजा सुनाई थी.

नर्गिस मोहम्मदी

ओस्लोः इस साल का शांति का नोबेल पुरस्कार (Nobel Peace Prize) जेल में बंद ईरानी महिला कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को दिए जाने का ऐलान किया गया है. उन्हें ये अवार्ड महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ने और आवाज उठाने के लिए दिया गया है. 2018 में, इंजीनियर मोहम्मदी को 2018 आंद्रेई सखारोव पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.  2022 में, मोहम्मदी पर पांच मिनट में मुकदमा चलाया गया और आठ साल जेल और 70 कोड़े की सजा सुनाई गई थी. 

2003 में मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन एबादी के पुरस्कार जीतने के बाद वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला और दूसरी ईरानी महिला बन गई हैं.

ओस्लो में पुरस्कार की घोषणा करने वाले नॉर्वेजियन नोबेल समिति के सद्र बेरिट रीस-एंडरसन ने कहा, “वह व्यवस्थित भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं के लिए लड़ रही हैं." रीस-एंडरसन ने कहा कि मोहम्मदी को 13 बार कैद किया गया और पांच बार दोषी ठहराया जा चुका है. कुल मिलाकर, उसे 31 साल जेल की सजा सुनाई गई है.

2019 के हिंसक विरोध प्रदर्शन की एक पीड़िता के स्मारक में शामिल होने के बाद अधिकारियों ने नवंबर में मोहम्मदी को गिरफ्तार कर लिया है. मोहम्मदी का कारावास, कठोर सज़ाओं और अपने मामले की समीक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय कॉलों का एक लंबा इतिहास है. जेल जाने से पहले, मोहम्मदी ईरान में प्रतिबंधित मानवाधिकार केंद्र के रक्षकों की नायब सद्र रही हैं. मोहम्मदी ईरानी नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी के करीबी रहीं हैं. 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के विवादित चुनाव के बाद एबादी ने ईरान छोड़ दिया था.  

गौरतलब है कि 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत पर हाल ही में ईरान में देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के लिए मोहम्मदी सलाखों के पीछे हैं. महसा अमिनी की ईरान की नैतिकता पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मौत हो गई थी. इस घटना ने ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से सबसे बड़ा आंदोलन बन गया था.  विरोध-प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार द्वारा किए गए बल प्रयोग में 500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 22,000 से अधिक अन्य को गिरफ्तार किया गया था.

प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का चयन नॉर्वे में विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा 350 से ज्यादा  नामांकनों की सूची में से किया जाता है. पिछले साल का पुरस्कार यूक्रेन, बेलारूस और रूस के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जीता था. अन्य पिछले विजेताओं में नेल्सन मंडेला, बराक ओबामा, मिखाइल गोर्बाचेव, आंग सान सू की और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं. 

नोबेल पुरस्कार में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का नकद पुरस्कार दिया जाता है. दिसंबर में पुरस्कार समारोह में विजेताओं को 18 कैरेट का स्वर्ण पदक और एक प्रमाणपत्र भी मिलता है. 

 

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