Pakistan News: पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की सलाह पर देर रात राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद के निचले सदन को भंग कर दिया है. पाकिस्तान में आम चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
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Pakistan News: पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की सलाह पर देर रात राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद के निचले सदन को भंग कर दिया है. इसके साथ पाकिस्तान में आम चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. यह सलाह संसद के पांच साल के कार्यकाल से तीन दिन पहले आई है. जो 12 अगस्त को समाप्त हो रही है. इसके बाद 90 दिनों में नए चुनाव कराने के लिए शरीफ द्वारा चुने जाने वाले कार्यवाहक प्रशासन और निवर्तमान संसद में एक विपक्षी नेता को नियुक्त किया जाएगा.
पीएम शहबाज शरीफ ने पहले संसद को बताया था, "मैं आज रात राष्ट्रपति को संसद भंग करने की सलाह दूंगा." उन्होंने कहा, "वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नामित करने के लिए दोनों पक्षों से अनुशंसित उम्मीदवारों में से चुनने के लिए गुरुवार को विपक्षी नेता के साथ चर्चा शुरू करेंगे.
हालांकि, मतदान में कई महीनों की देरी हो सकती है. क्योंकि चुनाव आयोग नई जनगणना के आधार पर सैकड़ों निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण शुरू करने वाला है. राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा, "चुनाव में किसी भी तरह की देरी से जनता का गुस्सा भड़क सकता है और परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र में अनिश्चितता बढ़ सकती है."
صدر مملکت ڈاکٹر عارف علوی نے قومی اسمبلی تحلیل کر دی
صدر مملکت نے قومی اسمبلی کی تحلیل وزیر ِ اعظم کی ایڈوائس پر آئین کے آرٹیکل 58 ایک کے تحت کی pic.twitter.com/B7kGkMWLEh
The President of Pakistan PresOfPakistan August 9, 2023
आपको बता दें कि जुलाई 2018 में पिछला आम चुनाव क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी ने जीता था. जिन्होंने कुछ दिनों बाद पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. पिछले साल अविश्वास मत में पीएम पद से हटाए जाने के बाद से खान राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में हैं. जिससे पाकिस्तान की स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ गई है.
तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान को पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया है. इमरान खान ने तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा, "ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायाधीश का पक्षपाती फैसला था. यह पूरी तरह से निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है."
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