Arushi Talwar Murder Case: 15 साल बाद भी नहीं सुलझा रहस्य; पुलिस के इस बड़े अधिकारी ने उठाए सवाल!
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Arushi Talwar Murder Case: 15 साल बाद भी नहीं सुलझा रहस्य; पुलिस के इस बड़े अधिकारी ने उठाए सवाल!

Arushi Talwar Murder Mystery: दिल्ली का बहूचर्चित आरुषि तलवार कत्ल मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. पुलिस के पूर्व अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, “शुरुआत में आरुषि के आवास की तलाशी नहीं ली गई और न ही आसपास के इलाकों की जांच की गई. 

Arushi Talwar Murder Case: 15 साल बाद भी नहीं सुलझा रहस्य; पुलिस के इस बड़े अधिकारी ने उठाए सवाल!

Arushi Talwar Murder Case: दिल्ली के बहूचर्चित आरुषि तलवार कत्ल मामले में पुलिस के पूर्व अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, “शुरुआत में आरुषि के आवास की तलाशी नहीं ली गई और आसपास के इलाकों की भी जांच नहीं की गई. घरेलू नौकर हेमराज के गायब होने से यह सवाल पैदा हुआ कि वही अपराधी था. उसका पता लगाने के लिए पुलिस की एक टीम न सिर्फ नोएडा और दिल्ली, बल्कि नेपाल तक भेजी गई. उन्होंने कहा, "अगर यूपी पुलिस ने कानून-व्यवस्था और जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनाई होतीं, तो 16 मई 2008 की सुबह पहुंची यूनिट वीआईपी ड्यूटी की फिक्र किए बिना खास रूप से कत्ल की जांच पर ध्यान दे सकती थी.

एक और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "इस दृष्टिकोण के कारण संभवतः उसी दिन हेमराज के कमरे में शराब की बोतलें, बीड़ी, एक कोल्ड ड्रिंक और तीन इस्तेमाल किए गए ग्लास पाए गए, जो दर्शाता है कि वहाँ और लोग भी थे. इसके अलावा, किचन का जायजा लेने के बाद यह पता चला कि हेमराज ने खाना नहीं खाया था, जिसकी बाद में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से तस्दीक हुई.

बता दें कि, 14 साल की स्कूली छात्रा आरुषि तलवार 16 मई 2008 को अपने नोएडा स्थित घर में मृत पाई गई थी. उसका गला कटा हुआ और सिर कुचला हुआ था. शुरुआत में तलवार परिवार में रहने वाले नौकर, हेमराज को मुख्य संदिग्ध माना गया. ऑनर किलिंग के अंदेशे को ध्यान में रखते हुए, आरुषि के माता-पिता की जांच शुरू की गई. पुलिस ने कातिलों से जुड़ी जटिल परिस्थितियों को हल करने के लिए कई तरह से जांच की है. साथ ही आरुषि के माता-पिता, राजेश और नूपुर तलवार का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट भी किया गया. नवंबर 2013 में, गाजियाबाद की एक स्पेशल सीबीआई अदालत ने राजेश और नूपुर तलवार को कत्ल का कुसूरवार पाया गया लेकिन, अक्टूबर 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई अदालत के फैसले को पलट दिया, जिसके बाद तलवार जोड़े को रिहा कर दिया गया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2017 में आरुषि के माता-पिता को दोषमुक्त करार दे दिया था, लेकिन उसके कातिल की पहचान अब तक नहीं हो पाई है. एक और हैरान करने वाला पहलू यह है कि क्या यह मामला सचमुच इतना पेचीदा है कि न तो यूपी पुलिस और न ही सीबीआई की दो टीमें इसे सुलझा सकीं. सीबीआई दुनिया के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों को कामयाबी के साथ हल कर चुकी है. इस मामले में उच्च न्यायालय ने जांच की प्रभावकारिता पर संदेह उठाया. 

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