बताया जा रहा है कि यह मस्जिद बाबरी मस्जिद की तुलना में काफी बड़ी होगी और 2000 से भी ज्यादा लोग इस मस्जिद में एक साथ नमाज़ अदा कर सकेंगे.
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नई दिल्ली: अयोध्या में मस्जिद बनाने को लेकर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) की अगली मीटिंग 19 दिसम्बर को होगी. इस मीटिंग जो सदस्य व्यक्तिगत तौर पर लखनऊ नहीं आ पाएंगे, वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शामिल होंगे. इस मीटिंग में ट्रस्ट के मेंबरों के अलावा आर्किटेक्ट्स भी शामिल होंगे.मीटिंग के बाद शाम 4.30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मस्जिद के डिज़ाइन का के बारे में तफसील से जानकारी दी जाएगी.
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ज़राए ने बताया कि ट्रस्ट ने 26 जनवरी या 15 अगस्त को मस्जिद का संगे बुनियाद रखा जा सकता है. हालांकि इस पर ट्रस्ट को फैसला लेना है और प्रोग्राम की क्लियरेंस के हिसाब से भी तारीख़ तय होगी. इस मीटिंग में मस्जिद के नाम को लेकर भी चर्ची की जाएगी.
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बताया जा रहा है कि यह मस्जिद बाबरी मस्जिद की तुलना में काफी बड़ी होगी और 2000 से भी ज्यादा लोग इस मस्जिद में एक साथ नमाज़ अदा कर सकेंगे. ज़राए ने बताया कि इसका डिज़ाइन भी बाबरी मस्जिद के अलग होगा.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर महीने में अयोध्या के मुतनाज़ा (विवादित) रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में राम मंदिर की हिमायत में फैसला सुनाया था. साथ ही केंद्र सरकार को मस्जिद की तामीर के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ ज़मीन मुहैया कराने की हिदायत दी थी. जिसके बाद सरकार ने अयोध्या की सोहावाल तहसील के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन अलाट की थी.
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