Politics On Bantenge To Katenge Slogan: महाराष्ट्र के सभी विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी. इससे पहले सभी पार्टियां चुनावी दंगल में कूद पड़ी हैं. इसी दौरान उत्तर प्रदेश के सीएम ने ऐसा बयान दिया है. जिसके बाद महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक बवाल जारी हैं.
Trending Photos
Politics On Bantenge To Katenge Slogan: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 20 नवंबर को वोटिंग होगी. इस दौरान सभी दल कमर कस चुके हैं और टाउनशिप के मैदान में लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बंटोगे तो कटोगे’ ने महाराष्ट्र समेत पूरे देश में हलचल मचा दी है. हर तरफ इस बयान की आलोचना हो रही है.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सीएम योगी के नारे को लेकर एनडीए में ही दरार पड़ गई है. बीजेपी के सहयोगी दलों ने इस बयान का कड़ा विरोध किया है. इसमें बीजेपी की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी जेडीयू का नाम भी शामिल है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने इस बयान पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी.
लोगों को नहीं पसंद है ऐसी टिप्पणी- अजित पवार
बीजेपी के ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले नारे पर एनसीपी चीफ और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने पलटवार करते हुए 7 नवंबर को कहा कि यह छत्रपति शिवाजी, राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले का महाराष्ट्र है. यहां के लोगों को ऐसी टिप्पणियां पसंद नहीं हैं. यहां के लोगों ने हमेशा सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की कोशिश की है. आप महाराष्ट्र की तुलना दूसरे राज्यों से नहीं कर सकते.
जयंत चौधरी बयान से किया किनारा
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं. इस दौरान जयंत चौधरी से पत्रकारों ने योगी आदित्यनाथ की ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का जिक्र किया और जयंत चौधरी से पूछा कि आपका इस बयान को लेकर क्या मत हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह उनकी बात है. यह कहकर वे चले गए. इससे पता चलता है कि आरएलडी भी इस नारे के साथ नहीं है.
जेडीयू ने भी किया विरोध
इतना ही नहीं बीजेपी के सबसे बड़ी सहयोगी दल जदयू ने बीजेपी के इस बयान पर एतराज जताया है. जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने कहा, "मुल्क को ‘बंटोगे तो कटोगे’ जैसे नारे की जरूरत नहीं है. यह नारा उन लोगों को चाहिए जो समुदाय के नाम पर वोट चाहते हैं. जब मुल्क के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हिंदू हैं तो देश में हिंदू असुरक्षित कैसे हो गए."
क्या है पूरा मामला
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था. जिसके बाद बीजेपी यूपी में वापसी करने के लिए बेताब है. लोकसभा चुनाव में सपा सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी थी. सपा ने 37 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी सिर्फ 33 सीटों पर सिमट गई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं, लेकिन इस चुनाव में हार के बाद बीजेपी को डर है कि उसका कोर वोटर बिखर गया है. यही वजह है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा बुलंद कर रहे हैं, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी 'एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे' का नारा बुलंद कर रहे हैं. तब से ये नारे हर नेता की जुबान पर हैं. जिसकी वजह से विपक्ष के निशाने पर पीएम मोदी और सीएम योगी हैं.