Brajesh Pathak: UP के Deputy CM ब्रजेश पाठक का जानिए कैसा है सियासी सफरनामा ?
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Brajesh Pathak: UP के Deputy CM ब्रजेश पाठक का जानिए कैसा है सियासी सफरनामा ?

Deputy CM Brajesh Pathak Political Career: कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ने वाले ब्रजेश पाठक बसपा की टिकट पर एक बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं.

  • साल 2002 में पहली बार ब्रजेश पाठक ने मल्लावां विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन बहुत ही कम वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा
  • वर्ष 2004 में वह बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़कर पहली बार सांसद पहुंचे थे
  • 2009 में बसपा की सीट से ब्रजेश पाठक राज्यसभा सांसद बने
  • 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें लखनऊ सेंट्रल विधानसभा सीट से ठिकट दिया

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ब्रजेश पाठक

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की योगी-02 सरकार में दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं. केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हारने के बाद भी डिप्टी सीएम बनाए गए जबकि ब्राहमण वर्ग से डिप्टी सीएम रहे दिनेश दिनेश शर्मा को इस बार मौका नहीं दिया गया और उनकी जगह ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया है. ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम का पद देना कोई अप्रत्याशित नहीं है, उन्हें इस रेस में पहले से ही माना जा रहा था. वह भाजपा के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ के भी खास रहे हैं.   

ब्रजेश पाठक का सियासी सफर 
ब्रजेश पाठक उत्तर प्रदेश में भाजपा के ब्राहम्ण नेताओं में काफी कद्दावर नेता रहे हैं. वे लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. योगी-1 सरकार में वह कानून मंत्री रह चुके हैं. इस साल यूपी चुनाव में लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से वह चुनाव जीते हैं. कयास ये भी लगाए जा रहे थे कि इस पर सीटें कम आने पर योगी के बजाए किसी ब्राहम्ण नेता को सीएम पद दिया जा सकता है, लेकिन ऐसी नौबत नहीं आई. हालांकि सीएम पद के संभावित चेहरों में ब्रजेश पाठक का नाम नहीं था. 

कानून की पढ़ाई और राजनीति साथ-साथ 
ब्रजेश पाठक उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावा कस्बे के गंगाराम मोहल्ले में 25 जून 1964 को पैदा हुए थे. उनकी शिक्षा-दीक्षा उत्तर प्रदेश से ही हुई है.इन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई की है. पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कुछ सालों तक वकालत भी की है. उन्होंने अपने राजनीति जीवन की शुरुआत अपने छात्र जीवन से की थी. पहली बार वह 1989 में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष चुने गए थे. एक साल बाद 1990 में वह इसी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए. 

कांग्रेस से की थी सियासी सफर की शुरूआत 
साल 2002 में पहली बार ब्रजेश पाठक ने मल्लावां विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन बहुत ही कम वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वर्ष 2004 में वह बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़कर पहली बार सांसद पहुंचे थे. वह बसपा के टिकट पर उन्नाव संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए. वहीं 2009 में बसपा की सीट से ब्रजेश पाठक राज्यसभा सांसद बने. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में ब्रजेश पाठक उन्नाव लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन मोदी की आंधी में वह यह चुनाव हार गए.

2017 में भाजपा की टिकट पर विधानसभा पहुंचे
उत्तर प्रदेश में होने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ब्रजेश पाठक बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें लखनऊ सेंट्रल विधानसभा सीट से ठिकट दिया. इस चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रविदास मेहरोत्रा को भारी वोटों के अंतर से शिकस्त देकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. भाजपा सरकार में उन्हें कानून मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई. मायावती की सरकार के दौरान ब्रजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं.

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