प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हत्या की साजिश के आरोपों पर पहली बार प्रतिक्रिया दी थी, जिसके बाद अब कनाडा के पीएम ने इस मामले पर अपनी राय दी.
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इस साल जून में कनाडा में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साज़िश की जानकारी अपने सहयोगियों के साथ साझा की थी. पूरे मामले की शुरुआत हुई थी ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट से. इस रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, लेकिन अमेरिका ने इस साजिश को नाकाम कर दिया. इस पूरे मामले पर 20 दिसबंर को फाइनेंशियल टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी. पीएम मोदी ने फाइनेंशियल टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था, ''अगर कोई हमें किसी तरह की जानकारी देगा तो हम ज़रूर इस पर गौर करेंगे. अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ अच्छा या बुरा किया है तो हम इसे देखने के लिए तैयार हैं. हमारी प्रतिबद्धता क़ानून के प्रति है.'' पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत से बाहर अलगाववादी संगठनों की गतिविधियों पर वो बेहद चिंतित हैं. इसी कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के अलगाववादी तत्व अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर धमकियां देते हैं और हिंसा के लिए उकसाते हैं. पीएम मोदी की इस मामले पर प्रतिक्रिया के बाद कनाडा के पीएम ने भी अब इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
क्या कहा पीएम ट्रूडो ने
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत को लेकर एक बार फिर अपनी बात सामने रखी है. जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन से कहा, "अमेरिकी ज़मीन पर सिख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश मामले में भारतीय नागरिक का नाम आने के बाद कनाडा को लेकर भारत के सुर में नरमी आई है. मुझे लगता है कि अब एक समझ बनने की शुरुआत हुई है. भारत ये समझने लगा है कि वो इस तरह आगे नहीं बढ़ सकता. अमेरिका की ओर से आरोप तय होने के बाद ऐसा लग रहा है कि भारत सरकार अब विनम्र रुख अपनाने को राज़ी है. हम इस समय भारत के साथ किसी झगड़े की स्थिति में नहीं पड़ना चाहते. हम इस पर काम करना चाहते हैं. हम हिंद-प्रशांत रणनीति पर आगे बढ़ना चाहते हें, लेकिन लोगों के अधिकारों, लोगों की सुरक्षा और कानून के शासन के लिए खड़े होना कनाडा के लिए ज़रूरी है. हम यही करने जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि अमेरिका की ओर से लगाए गए अभियोग ने भारत सरकार को ज्यादा शांत रुख अपनाने के लिए राजी कर लिया है."
अमेरिका ने लगाए थे आरोप
नवंबर महीने में अमेरिका ने ये दावा किया था कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में सिख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए एक शख़्स को क़रीब 83 लाख रुपये की सुपारी दी थी. अमेरिका में गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में 29 नवंबर को न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट सामने आई थी. जिसमें भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप था. इस चार्जशीट में लिखा था कि भारत के एक पूर्व CRPF अफसर ने निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था. इसके अलावा चार्जशीट में लिखा है कि भारतीय अफसर के कहने पर निखिल ने एक अपराधी से पन्नू के मर्डर के लिए कॉन्टैक्ट किया, लेकिन असल में वह एक अमेरिकी एजेंट था. इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक और अंडरकवर अधिकारी से कराई, जिसने पन्नू का मर्डर करने की बात कही.
कनाडा ने क्या आरोप लगाए थे?
इसी साल सितंबर में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद से भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे. ट्रूडो ने कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर की हुई हत्या के पीछे भारत के एजेंटों का हाथ है. इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होने लगे थे. दोनों देशों ने बारी-बारी से एक-दूसरे के राजनयिकों को भी निष्कासित किया था. हांलाकि लगाए गए इस आरोप पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी और कनाडा के सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया था.