CO Ziaul Haq Murder: सीओ ज़ियाउल हक मर्डर मामले में 10 लोगों को उम्रकैद की सज़ा हुई है. एक तरह ज़ियाउल हक के माता-पिता खुश हैं, वहीं दूसरी तरफ वह दुखी भी है. उनका कहना है कि असली दोषी अभी भी बाहर है.
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CO Ziaul Haq Murder: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में सीओ ज़ियाउल हक के हत्याकांड केस में सीबीआई ने 10 दोषियों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई है. हालांकि, इस मामले में विधायक राजा सिंह को क्लीन चिट मिल गई है. एक तरफ सीओ ज़ियाउल हक के माता पिता कोर्ट के इस फैसले से खुश हैं, वहीं वह इस बात से खफा भी हैं कि राजा सिंह को इस मामले में कैसे क्लीन चिट मिल सकती है. उन्होंने, मीडिया से बात करते हुए कहा कि जैसे वह अपने बेटे के लिए तड़प रही हैं, वैसे ही उनके परिजन भी तड़पेंगे जिनको उम्र कैद की सज़ा हुई है.
यह मामला 2013 का है. कुंडा के बालीपुर गांव में सीओ ज़ियाउल हक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं. पहली सीओ के पत्नी परवीन आज़ाद ने कराई थी और दूसरी एफआईआर पुलिस ने दर्ज की थी. इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था और राजा भैया का नाम भी सामने आया था.
पूरा मामला 2 मार्च 2013 की शाम 7:30 बजे के बाद शुरू हुआ. जब एक ज़मीनी विवाद में कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादल की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस बात से गुस्साए लोग इकट्ठा होकर बलीपुर पहुंचे, और आरोपी कामता पाल के घर में आग लगा दी.
इस बात की जानकारी पुलिस स्टेशन पहुंची तो सीओ ज़ियाउल हक, एसओ मनोज कुमार शुक्ला और कुंडा एसओ सर्वेश मिश्रा समेत कई पुलसकर्मी मौके पर पहुंचे. इस बीच भीड़ ने पुलिस को घेर लिया. इस दौरान पुलिस और भीड़ के बीच बातचीत हो ही रही थी कि नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस बात से गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. ज़ियाउल हक वहीं फंस गए, और भीड़ ने उन्हें लाठी डंडों से पीटा.
बाद में पुलिसकर्मियों ने उन्हें ढूंढा तो उनकी लाश प्रधान के घर के पीछे खंड़जे में मिली. उनकी पिटाई के बाद गोली मारकर हत्या की गई थी.
जियाउल हक के वालिद शमशुल हक और उनकी मां हाजरा खातून ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत करते हुए कहा कि वह सीबीआई कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उन्हें इस चीज़ का मलाल है कि जिस शख्स (राजा भैया) ने इस पूरी हत्या का चक्रव्यूह रचा उसे क्लीन चिट मिल गई है. 11 साल बाद फैसला आया, और ठीक फैसला आया. उनकी मां कहती हैं कि अगर आज उनका बेटा होता तो उनकी यह हालत नहीं होती.
शमशुल हक कहते हैं कि परिवार आज भी बेटे के जाने के गम से नहीं उबर पाया है, आज भी जब उसकी याद आती है तो रात की नींद उड़ जाती है और तबियत बिगड़ जाती है. ज़ियाउल हक के पिता ने कहा असली दोषी तो राजा भैया और गुलशन यादव ही थे. अब नहीं पता कि राजा भैया को कैसे क्लीन चिट मिली है. पता नहीं सीबीआई ने या किसी और ने लीपापोती की है. पूरी च्रव्यूह उसी का रचा हुआ था