Digital Data Protection Bill-2022: सरकार ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. इनके ग़लत तरीक़े से इस्तेमाल करने पर 250 करोड़ तक जुर्मना लग सकता है.
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Digital Data Protection Bill-2022: देश में लोग जैसे-जैसे तेज़ी से डिजिटलाईज़ेशन की तरफ़ बढ़ रहे हैं वैसे ही ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेज़ी से सामने आ रहे हैं. ऑनलाइन ठगी के लिए डेटा के संरक्षण को ज़िम्मेदार माना जा रहा है. इसका फायदा टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियां जमकर उठा रही हैं और कंज़्यूमर डेटा को बिना किसी इजाज़त के इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन अब ऐसा करना भारी पड़ सकता है. क्योंकि अब मरकज़ी सरकार ने कमर कस ली है. सेंट्रल गवर्नमेंट डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2022 के नए मसौदे पर काम कर रही है. अब अगर 'डेटा प्रोसेसर' या 'डेटा फिड्यूशरी' आम शहरियों के पर्सनल डाटा को महफ़ूज़ रखने के लिए सही सिक्योरिटी क़दम उठाने में नाकाम रहीं तो उनपर 250 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
विंटर सेशन में पेश होगा बिल
दरअसल, केंद्र सरकार ऑनलाइन ट्रैकिंग और डेटा चोरी करने वालों के ख़िलाफ़ एक नया नियम लेकर आ रही है. इस सिलसिले में केंन्द्र सरकार नए डेटा सुरक्षा बिल को पार्लियामेंट के आईंदा विंटर सेशन में पेश करेगी. सरकार का दावा है कि नया बिल डेटा के ग़लत इस्तेमाल को रोकने में कारगर साबित होगा. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि इस बिल से ग्राहक डेटा के ग़लत इस्तेमाल को ख़त्म किया जा सकता है, क्योंकि नए नियम में डेटा के ग़लत इस्तेमाल करने पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी. नए बिल में डेटा चोरी और ऑनलाइन ट्रैकिंग करने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करते हुए 250 करोड़ रुपये का जुर्माना और सज़ा का प्रावधान हो सकता है.
कई प्रस्तावों को शामिल करने पर ग़ौर
ज़राए के मुताबिक़, सरकार सोशल मीडिया स्पेस को रेगुलेट करने के लिए प्रस्तावित नए ड्राफ्ट बिल में कुछ अहम प्रस्तावों को शामिल करने पर ग़ौर कर रही है. आपको बता दें कि इसमें 'डेटा प्रोसेसर' या 'डेटा फिड्यूशरी' के ज़रिए क़ानूनी प्रस्तावों की ख़िलाफ़वर्ज़ी के मामले में ड्राफ्ट बिल में सज़ा का सख़्त प्रावधान शामिल करना ज़रूरी है. दूसरा अहम प्वाइंट ये है कि अगर 'डेटा प्रोसेसर' या 'डेटा फिड्यूशरी' आम शहरियों के पर्सनल डाटा को महफ़ूज़ रखने में नाकाम रहते हैं तो उनपर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. तीसरे क़दम में ड्राफ्ट बिल में क़ानून के दूसरे प्रावधान का पालन करने में नाकाम होने पर 10,000 रुपये से 150 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के प्रस्ताव पर भी ग़ौर किया जा रहा है. इसके अलावा नए ड्राफ्ट बिल के मसौदे में शामिल किए जाने वाले प्रावधानों को अमल में लाने और लागू करने के लिए एक Data Protection Board of India क़ायम करने का प्रस्ताव शामिल हो सकता है.
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