Fahmi Badayuni Death: नहीं रहे मशहूर शायर फहमी बदायूंनी; पढ़ें उनके चुनिंदा शेर
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2481473

Fahmi Badayuni Death: नहीं रहे मशहूर शायर फहमी बदायूंनी; पढ़ें उनके चुनिंदा शेर

Fahmi Badayuni Death: फहमी बदायूंनी का 72 साल की उम्र में बीते कल इंतेकाल हो गया. वह 21वीं सदी के बेहतरीन शायर थे. उनकी शायरी दिल से निकल कर दिमाग तक जाती है. यहां पेश हैं उनके कुछ मशहूर शेर.

Fahmi Badayuni Death: नहीं रहे मशहूर शायर फहमी बदायूंनी; पढ़ें उनके चुनिंदा शेर

Fahmi Badayuni Death: फहमी बदायूंनी उर्दू के मशहूर शायर थे. उनकी पैदाइश 4 जनवरी 1952 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुई. बीते कल यानी 20 अक्टूबर को उनका इंतेकाल हो गया. कम उम्र में ही वह लिखने लगे और नौकरी करनी शुरू की. उन्होंने बच्चों को गणित पढ़ाई. उनकी मशहूर किताबों में 'पांचवी सम्त' और 'दस्तकें निगाहों की' हैं. वह 21वीं सदी के सबसे मशहूर शायरों में से एक हैं. उनकी शायरी में बेहद कम अल्फाज होते हैं. 

फूलों को सुर्ख़ी देने में 
पत्ते पीले हो जाते हैं 

आज पैवंद की ज़रूरत है 
ये सज़ा है रफ़ू न करने की 

पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा 
कितना आसान था इलाज मिरा 

परेशाँ है वो झूटा इश्क़ कर के 
वफ़ा करने की नौबत आ गई है 

काश वो रास्ते में मिल जाए 
मुझ को मुँह फेर कर गुज़रना है 

ख़ूँ पिला कर जो शेर पाला था 
उस ने सर्कस में नौकरी कर ली 

मर गया हम को डाँटने वाला 
अब शरारत में जी नहीं लगता 

टहलते फिर रहे हैं सारे घर में 
तिरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं 

कुछ न कुछ बोलते रहो हम से 
चुप रहोगे तो लोग सुन लेंगे 

जो कहा वो नहीं किया उस ने 
वो किया जो नहीं कहा उस ने 

जिस को हर वक़्त देखता हूँ मैं 
उस को बस एक बार देखा है 

लैला घर में सिलाई करने लगी 
क़ैस दिल्ली में काम करने लगा 

मैं ने उस की तरफ़ से ख़त लिक्खा 
और अपने पते पे भेज दिया 

ख़ुशी से काँप रही थीं ये उँगलियाँ इतनी 
डिलीट हो गया इक शख़्स सेव करने में 

Trending news