Kisan Andolan News: किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. अब पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जनरल सेक्रेटरी सरवन सिंह का बयान आया है और उन्होंने कहा है कि बीजेपी मीडिया में गलत तथ्य रख रही है.
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Farmers Protest News: किसानों का प्रोटेस्ट जारी है. कई बॉर्डर्स से झड़प की खबरें भी सामने आ रही है. सवाल उठ रहा है कि आखिर जब सरकार बात करने के लिए तैयार है तो किसान मार्च क्यों कर रहे हैं. अब इस मसले को लेकर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जनरल सेक्रेटरी सरवन सिंह पंढेर का बयान आया है. उनका कहना है कि सरकार के मंत्री मीडिया में सही तथ्य नहीं पेश कर रहे हैं.
सरवन सिंह का कहना है कि डॉक्टर स्वामिनाथन कमीशन के मुताबिक फसलों के दाम तय किए जाने चाहिएं. किसान और मजदूरों का कर्ज खत्म किया जाना चाहिए और लखीमपुर खीरी में मरने वाले किसानों को इंसाफ मिलना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता है कि सरकार सुन रही है. मीडिया में ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि जो एमएसपी का कानून है वह इतनी जल्दी नहीं बन सकता है. ये सीएमसीपी की रिपोर्ट के मुताबिक 23 फसलों पर एमएसपी एनाउंस करते हैं. जिन पर एमएसपी अनाउंस की जाती है उनकी यह खरीद करते हैं और कुछ की नहीं करते हैं.
#WATCH | Shambhu Border, Delhi | Punjab Kisan Mazdoor Sangharsh Committee General Secretary Sarwan Singh Pandher says, "...There are reports in the media that the MSP guaranteeing law can not be formed so soon...All, we are saying is to give us a legal guarantee on that (MSP) so… pic.twitter.com/w0QyYdCbWS
— ANI (@ANI) February 14, 2024
हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि आप एक लीगल गारंटी दे दीजिए कि उस एमएसपी के नीचे हमारी फसल न बिके. मुझे लगता है कि मीडिया में केंद्र सरकार के मंत्री महोदय मीडिया में तथ्यों को सही नहीं रख रहे हैं.
सरवन ने आगे कहा कि हम कहना चाहते हैं कि पीएम मोदी आगे आएं और किसानों से बातचीत करें. यह हमारी 75 सालों से एक बड़ी मांग रही है और उन्हें यह मानना चाहिए. 2012 में जब पीएम मोदी सीएम थे और वह कंज्यूमर अफेयर कमेटी के चेयरपर्सन थे, तो उन्होंने एमएसपी की मांग की थी.
उन्होंने आगे कहा कि 2 साल पहले आंदोलन हुआ था, तो आपने सभी मांगे मान ली थी और हम से वादा किया था. अब उनको लागू करने का समय है तो आप वक्त मांग रहे हैं. हम चाहते हैं कि सरकार बल प्रयोग को हटाए, और आम माहौल करे. मुझे लगता है कि एक डेमोक्रैटिक कंट्री में कभी ऐसा नहीं होना चाहिए.