Income Tax Return: आईटीआर-1 या सहज के बारे में आपने सुना ही होगा. आज हम इसके बारे में आपको पूरी डिटेल देने वाले हैं. हम आपको बताएंगे कि आईटीआर-1 कौन भर सकता है और इसे भरने का क्या प्रोसेस रहता है.
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Income Tax Return: आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न में वह प्रोसेस है जब एक आय पाने वाला शख्स अपनी आमदनी का कुछ फीसद सरकार को बतौर टैक्स दे. अलग-अलग इनकम वालों को अलग-अलग फीसद के अनुसार टैक्स देना होता है. हर साल बिजनेस, सैलरी पाने वाले लोग आय देते हैं. ये प्रोसेस हर साल होता है. जैसे ही कोई इंसान टैक्स भरने वाला टैक्स रिटर्न फाइल करता है उसके बाद आईटी के अधिकारी प्रदान किए गए विवरणों के पुष्टि करता है.
आपको जानकारी के लिए बता दें आईटीआर फॉर्म सात तरीकों के बोते हैं. जो अलग-अलग इनकम टैक्स पेयर्स के जरिए इस्तेमाल किए जाते हैं. ऐसे ही आईटीआर-1 या सहद ऐसा फॉर्म है जो काफी इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि इस फॉर्म को भरने का कौन पात्र होता है और
- आईटी डिपार्टमेंट के अनुसार इस फॉर्म को वह भर सकता है जिसकी आय एक फाइनेंशियल इयर में 50 लाख से ज्यादा नहीं है. जिसकी इनकम, सैलरी, एक हाउस प्रोपर्टी, पेंशन या खेती करके आ रही है. या फिर सेविंग अकाउंट पर ब्याज के जरिए आ रही है. ऐसे सभी लोग आईटीआर-1 सहज भर सकते हैं.
- जो लोग एनआरआई और आरएनओआर हैं वह ये फॉर्म नहीं भर पाएंगे.
- जिनकी सालाना इनकम 50 लाख से ज्यादा है,.
- जिनकीखेती से आने वाली आय 5 हजार से ज्यादा है.
- जिन इनकम लोटरी, रेसहोर्स और सट्टे से आ रहा है.
- जिन लोगों ने इक्विटी और शेयर में इन्वेस्ट किया है.
- अगर आपकी इनकम किसी बिजनेस से आ रही है.
आईटीआर भरने के लिए आपको इनक टैक्स के आधिकारिक पोर्टलपर जाना होगा. ये सर्विस ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी मौजूद है. आईटीआर फॉर्म-1 भरने के लिए आपको फॉर्म-16, हाइस रेंट की रसीद, इनवेस्टमेंट के सबूत औप टीडीएस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है.