हिन्दू संगठन का दावा 16 महिला समेत 30 मुसलमानों ने छोड़ा अपना धर्म; पुलिस ने बोला मर्ज़ी से..
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हिन्दू संगठन का दावा 16 महिला समेत 30 मुसलमानों ने छोड़ा अपना धर्म; पुलिस ने बोला मर्ज़ी से..

Indore News: इंदौर के स्थानीय संगठन 'साझा संस्कृति मंच' के चेयरमैन सैम पावरी ने संवाददाताओं को बताया कि मध्य प्रदेश रिलीजियस फ्रीडम एक्ट 2021 के प्रोविजन्स के तहत 14 महिलाओं समेत 30 लोगों ने इस्लाम मजहब को छोड़कर से हिंदू धर्म अपना लिया है.

हिन्दू संगठन का दावा 16 महिला समेत 30 मुसलमानों ने छोड़ा अपना धर्म; पुलिस ने बोला मर्ज़ी से..

Indore News: मध्य प्रदेश के एक हिंदू संगठन ने दावा किया है कि  इंदौर जिले में 30 मुसलमानों के एक समूह ने हिंदू धर्म अपना लिया है.  वहीं, इस मामले पर पुलिस ने कहा कि इस संबंध में उसे जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करने की कोई शिकायत नहीं मिली है. बताया जा रहा है कि धर्म परिवर्न करने वाले लोगों में 14 महिला भी शामिल हैं. सभी लोगों ने रिलीजियस फ्रीडम एक्ट 2021 के प्रोविजन्स के तहत हिन्दू धर्म अपनाया है.

इंदौर के स्थानीय संगठन 'साझा संस्कृति मंच' के चेयरमैन सैम पावरी ने संवाददाताओं को बताया कि मध्य प्रदेश रिलीजियस फ्रीडम एक्ट 2021 के प्रोविजन्स के तहत 14 महिलाओं समेत 30 लोगों ने इस्लाम मजहब को छोड़कर से हिंदू धर्म अपना लिया है. वहीं, चश्मदीदों ने कहा कि इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में इन लोगों ने हिंदू अनुष्ठानों में हिस्सा लिया, जिसमें मंत्रोच्चार भी शामिल था. पावरी ने कहा कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को एक हलफनामा सौंपा है, जिसमें घोषणा की गई है कि वे अपनी स्वेच्छा से अपना धर्म बदल रहे हैं.

पुलिस ने क्या कहा?
वहीं, इंदौर के डिप्टी कमिश्नर अभिनय विश्वकर्मा ने पीटीआई को बताया कि हमें एक समूह द्वारा धर्म परिवर्तन करने की सूचना मिली है, लेकिन इस मामले में हमें कोई शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने कहा, "हमें खजराना गणेश मंदिर में स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन के अनुष्ठान में हिस्सा लेने वाले 28 लोगों के बारे में जानकारी मिली है. हमें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है कि इन लोगों ने किसी दबाव, प्रभाव या लालच की वजह धर्म बदल लिया है.अगर कोई शिकायत मिलती है, तो उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे." 

काननू के उल्लंघन करने वालों के लिए कड़ी सजा
बताते चलें कि मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 बल कानून बनाया गया था. इस कानून को धोखाधड़ी या लालच के जरिए से धार्मिक रूपांतरण पर रोक लगाने के लिए बनाया गया था. इस कानून के उल्लंघन करने वालों को 10 साल की जेल की सजा और 1 लाख तक जुर्माना भी हो सकता है.

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