Karnataka Hijab Case: कर्नाटक के हिजाब मामले पर राज्य के शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हम ऐसा फैसला लेंगे जो सभी छात्राओं के लिए बेहतर हो. साथ ही उन्होंने भाजपा के ज़रिए गिए सिलेबस में बदलाव को लेकर भी बड़ी बात कही है.
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Karnataka Hijab Case: कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर लगी पाबंदी हटाने को लेकर कांग्रेस से बार-बार सवाल किए जा रहे हैं. इस कड़ी में अब राज्य के शिक्षा मंत्री का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि है कि हिजाब पर ऐसा फैसला लेंगे सभी छात्राओं को फायदा पहुंचे. उन्होंने कहा कि हिजाब मामला अभी अदालत में है ऐसे में उसपर कुछ कहना ठीक नहीं होगा. फिलहाल मामला कोर्ट में है और कानून विभाग इसे कानूनी रूप से लड़ेगा.
बता दें कि 29 मई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लगभग ढाई दर्जन से ज्यादा शिक्षाविदों के साथ मीटिंग की. जिसका मकसद शिक्षा क्षेत्र में बेहतरी लाना था. उन्होंने ज्ञापन में कहा, "हिजाब विवाद की वजह से हजारों लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं." इस मीटिंग में भाजपा की सरकार के दौरान सिलेबस में किए गए बदलावों पर एक बार फिर से नजर डालने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौती है कि हम छात्रों और उनकी पढ़ाई को प्रभावित किए बिना इसे (बदलावों की समीक्षा) सावधानी से कैसे करेंगे.
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इसके अलावा कर्नाटक की विधानसभा में इकलौती मुस्लिम विधायक कनीज फातिमा ने पिछले दिनों कहा था कि वो स्कूलों में हिजाब पर लगी पाबंदी हटाने के लिए प्रस्ताव पेश करेंगी और पहली कैबिनेट में इसको पास कराया जाएगा. सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखने वाली कनीज फातिमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि था कि पहली कैबिनेट मीटिंग में ही हिजाब पर लगी पाबंदी हटा दी जाएगी. इतना ही नहीं उन्होंने मुस्लिमों को मिलने वाला रिजर्वेशन को बहाल करने के प्रस्वात को पास कराने की भी बात कही थी.
याद रहे कि कर्नाटक में दिसंबर 2021 में हिजाब मामला तेजी से उठा था और यह धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया था. राज्य के उडुप्पी जिले के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छह छात्राओं को हेडस्कार्फ पहनने पर क्लास में जाने से रोके गया था. यह मामला अदालत तक पहुंचा और हाई कोर्ट ने इस संबंध में फैसला सुनाया कि हिजाब इस्लाम "आवश्यक" नहीं है.