Arun Gandhi passes away : दादा के नक्शे कदम पर चलने वाले महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी का निधन
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Arun Gandhi passes away : दादा के नक्शे कदम पर चलने वाले महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी का निधन

Arun Gandhi passes away:अरुण गांधी का मंगलवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में निधन हो गया. वह लंबे अरसे से बीमार थे. पत्नी का काफी पहले देहांत हो गया था. उनके परिवार में अब उनके बेटे तुषार गांधी और उनकी बेटी है. 

 

अरुण गांधी

मुंबईः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते और समाजिक कार्यकर्ता अरुण गांधी का मंगलवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में देहांत (Arun Gandhi passes away ) हो गया. वह 89 साल के थे और कुछ अरसे से बीमार चल रहे थे. यह जानकारी उनके परिवार के सूत्रों ने दी है. अरुण गांधी के बेटे तुषार गांधी ने बताया कि लेखक और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता अरुण गांधी का अंतिम संस्कार मंगलवार को कोल्हापुर में किया जाएगा. अरुण गांधी का जन्म डरबन में 14 अप्रैल 1934 को हुआ था. वह मणिलाल गांधी और सुशीला मशरुवाला के बेटे थे. अरुण गांधी अपने दादा के पदचिह्नों पर चलते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता बने. 

अरुण गांधी के पिता एक संपादक थे और उनकी माँ इंडियन ओपिनियन की प्रकाशक थीं. 
गांधी खुद को एक हिंदू मानते थे, लेकिन वह एक सार्वभौमिक विचार वाले इंसान थे. अरुण गांधी ने ईसाई पुजारियों के साथ मिलकर काम किया था और उनके दर्शन बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई अवधारणाओं से काफी प्रभावित थे. अपने दादा की तरह, वह भी ’अहिंसा’ की अवधारणा में विश्वास करते थे. अरुण गांधी एक अस्पताल में नर्स सुरनंदा से मिले और उन्होंने 1957 में उनसे शादी कर ली. इस दंपति के 2 बच्चे थे, तुषार, जिनका जन्म 17 जनवरी, 1960 को हुआ था और अर्चना. अरुण गांधी और सुरनंदा का 21 फरवरी, 2007 देहांत हो गया था. 2016 तक, गांधी रोचेस्टर, न्यूयॉर्क में रहते थे.

1987 में, अरुण गांधी मिसिसिपी विश्वविद्यालय में अध्ययन  के लिए अपनी पत्नी सुनंदा के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे. वहां उन्होंने कैथोलिक शैक्षणिक संस्थान क्रिश्चियन ब्रदर्स यूनिवर्सिटी के सहयोग से अहिंसा पर काम करने वाली एम. के. गांधी संस्थान की स्थापना की थी. यह संस्थान स्थानीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर अहिंसा के सिद्धांतों को लागू करने के लिए समर्पित है. गांधी की विरासत को अमेरिका में लाने के लिए उन्हें पीस एबे करेज ऑफ कॉन्शियस अवार्ड से नवाजा गया जो बोस्टन में जॉन एफ कैनेडी लाइब्रेरी द्वारा प्रदान किया जाता है. अरुण गांधी कई किताबों के लेखक रह चुके हैं. 

Zee Salaam

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