Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने (Mallikarjun Kharge) आज कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) के तौर पर अपना ओहदा संभाल लिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी सद्र की कमान संभाल ली है.
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Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने (Mallikarjun Kharge) आज कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) के तौर पर अपना ओहदा संभाल लिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के दूसरे लीडरों की मौजूदगी में पार्टी सद्र की कमान संभालते हुए कहा कि, "आज मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है, आज एक सामान्य कार्यकर्ता को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुनकर ये सम्मान देने के लिए आप सबका हार्दिक आभार और धन्यवाद देता हूं."
वहीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पद से बरी होते हुए कहा कि, "मैं नए पार्टी अध्यक्ष खड़गे जी को बधाई देती हूं. सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि जिन्हें अध्यक्ष चुना है वे एक अनुभवी और धरती से जुड़े हुए नेता हैं. एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करते हुए अपनी मेहनत और समर्पण से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं."
खड़गे को 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी को मज़बूती प्रदान करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होगा जो आसान नहीं है. आने वाले कुछ दिनों में कई राज्यों में असेंबली इलेक्शन हैं तो वहीं राजस्थान का सियासी संकट उनके सामने बड़ी समस्या बन कर खड़ा है. खड़गे को 2024 के आम चुनाव से पहले कई परेशानियों का सामना करना होगा, जिसमें सबसे पहले उनके सामने कांग्रेस को मज़बूत करना बड़ा चैलेंज है जो आसान नहीं है. गुजरात और हिमाचल प्रदेश इलेक्शन में कांग्रेस के बेहतर करने की उम्मीदें बड़ा चैलेंज है, वहीं राजस्थान और कर्नाटक में पार्टी के अंदर जारी हंगामे ने कांग्रेस की परेशानी को मज़ीद बढ़ा दिया है. ऐसे में 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करना कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के लिए एक बड़ा मसला बनकर उभरेगा. ऐसे समय में खड़गे को बहुत सूझ-बूझ के साथ काम करने की आवश्यकता है जिससे पार्टी में उनकी इमेज को कोई नुक़सान न हो और सबका भरोसा क़ायम रहे.
खड़गे की छवि हमेशा से ही सबको साथ लेकर चलने की रही है और उनकी यह ख़ूबी पार्टी में आगे का सफर तय करने में काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. खड़गे के ओहदा संभालने के कुछ हफ्ते बाद ही हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले असेंबली इलेक्शन उनके सामने पहली बड़ी चुनौती होंगे, जहां सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) की अच्छी पकड़ है. मौजूदा वक़्त में सिर्फ़ दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की हुकूमत है. इस इम्तेहान के बाद 2023 में 9 राज्यों में असेंबली इलेक्शन होने वाले हैं, जिसमें कर्नाटक भी शामिल है.
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