Moscow Attack: मॉस्को में हुए हमले में 133 लोगों की जान गई है. अधिकारियों ने शुरुआत में 144 लोगों के मारे जाने की जानकारी दी थी. हालांकि, 133 शव ही मिल पाए हैं. यह हमला आईएसआईएस ने किया है.
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Moscow Attack: रूस ने शनिवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने कथित तौर पर मॉस्को के एक कॉन्सर्ट हॉल में गोलियां चलाईं, जिससे 133 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 107 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं. आतंकी समूह आईएसआईएस ने इस कायराना हमले की जिम्मेदारी ली है. इस बीच, यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि हमले के पीछे उनका युद्धग्रस्त देश नहीं था. हालांकि, रूसी अधिकारियों का मानना है कि इस हमले में संगठन ने यूक्रेन की मदद ली थी.
रूसी अधिकारियों ने पहले कहा था कि गोलीबारी में 143 लोग मारे गये; हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि 24 घंटे से अधिक की खोज में 133 शव मिले हैं. 107 लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अधिकारियों ने 11 लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें से चार गनमैन शामिल हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी छिपकर यूक्रेन जाने की कोशिश कर रहे थे.
उन्होंने कहा, "उन्होंने छिपने की कोशिश की और यूक्रेन की ओर चले गए, जहां प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की सीमा पार करने के लिए यूक्रेन की तरफ उनके लिए एक खिड़की तैयार की गई थी." रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने कहा कि बंदूकधारियों के संपर्क यूक्रेन में थे और उन्हें सीमा के पास पकड़ लिया गया. यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि यह पुतिन और "अन्य ठगों" की खासियत है कि वे दोषारोपण करना चाहते हैं.
यह हमला रूस और इस्लामिक स्टेट के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के बीच हुआ है, जो 2015 में सीरियाई गृहयुद्ध में राष्ट्रपति पुतिन के हस्तक्षेप के साथ शुरू हुआ था. पुतिन ने इस्लामिक स्टेट के खिलाफ राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन किया था. इसी वजह से आईएसआईएस खार खाया हुआ था, और यह पहली बार नहीं है जब आईएसआईएस ने रूस पर हमला किया है. 2022 में, ISIS-K ने अफगानिस्तान के काबुल में रूसी दूतावास पर आत्मघाती हमला किया, जिसमें दूतावास के दो कर्मचारियों सहित आठ लोगों की मौत हुई थी.
इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने कहा कि उसके लड़ाके सैकड़ों लोगों को मारने और भारी विनाश करने के बाद सुरक्षित रूप से अपने ठिकानों पर लौट आए है. अमेरिकी अधिकारियों ने समाचार आउटलेट्स को बताया है कि जो बिडेन प्रशासन के पास आईएसआईएस की जिम्मेदारी के दावे पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.
यूक्रेनी सैन्य खुफिया प्रवक्ता एंड्री युसोव ने रॉयटर्स को बताया कि उनका देश इस आतंकी हमले में शामिल नहीं था. उन्होंने कहा कि देश रूसी आक्रमण के खिलाफ अपनी रक्षा कर रहा है और यह कब्जाधारियों की सेना के खिलाफ लड़ रहा है, न कि नागरिकों के खिलाफ. वहीं पुतिन ने अपने संबोधन में कहा,"हम उन सभी लोगों की पहचान करेंगे और उन्हें दंडित करेंगे जो आतंकवादियों के पीछे खड़े हैं."
आईएसआईएस-के का गठन 2015 में पाकिस्तानी तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों के जरिए किया गया था. इसने अफगान सुरक्षा बलों, मंत्रालयों और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले करके तेजी से अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि बढ़ाई थी. इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस के मुताबिक, आईएसआईएस-के को 2018 में टॉप चार सबसे घातक आतंकवादी संगठनों में से एक नामित किया गया था.