मौत के मुहाने पर खड़े हैं 432 मरीज; BJP MP ने सरकार से कहा, उन्हें बचा लीजिये हुज़ूर
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1518421

मौत के मुहाने पर खड़े हैं 432 मरीज; BJP MP ने सरकार से कहा, उन्हें बचा लीजिये हुज़ूर

भाजपा सांसद वरुण गांधी से आरोप लगाया है कि दुर्लभ रोग से ग्रसित मरीज को वित्तीय सहायता पहुंचाने के लिए बनाई गई ‘राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति- 2021’ योजना का एक भी मरीज को लाभ नहीं मिल पाया है, जिस वजह से देश में लगभग 432 मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है. 

भाजपा सांसद वरुण गांधी

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को अपनी ही सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि सरकार की योजनाओं का फायदा लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है. वरुण गांधी ने कहा है कि दुर्लभ रोगों से ग्रस्त मरीजों को 50 लाख रुपए की सहायता वाली स्वास्थ्य मंत्रालय की एक स्कीम से अबतक किसी भी मरीज को फायदा नहीं पहुंचा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि इस बीमारी की वजह से देश में 432 मरीजों की जान खतरे में है, और उनमें से ज्यादातर की उम्र छह साल से भी कम है. वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि इलाज के इंतजार में इस बीमारी से अबतक 10 बच्चों की जानें जा चुकी हैं. 

2021 में बनी थी ‘राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति’ स्कीम 
वरुण गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से ऐसे मरीजों की सहायता को मंजूरी देने के लिए फौरन कदम उठाने की मांग की है. मांडविया को लिखी चिट्ठी में वरुण गांधी ने कहा है, "स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुर्लभ रोगों से ग्रस्त मरीजों की जान बचाने के लिए 30 मार्च, 2021 को ‘राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति- 2021’ की शुरुआत की थी. मई, 2022 में उसमें किए गए संशोधन के तहत दुर्लभ रोगों के मरीजों को इलाज के लिए 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया था.’’ गांधी ने चिट्ठी में लिखा, "इस स्कीम के कई महीने बाद भी एक भी मरीज को इस योजना का लाभ नहीं मिल पासया है. इस वजह से 432 मरीजों, खासकर छह साल से कम उम्र के मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है.’’ 

इलाज के अभाव में दस मरीज गंवा चुके हैं अपनी जान  
वरुण गांधी ने कहा, "स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अंशदान मंच के मुताबिक, लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर के तकरीबन 208 मरीजों का फौरन इलाज किया जा सकता है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर रोगों के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक द्वारा मंजूर इलाज भारत में मौजूद है.’’ वरुण गांधी ने कहा, "इस स्कीम के तहत स्थापित 10 सेंटर्स ऑफ एक्सेलेंस ने मंत्रालय से कई बार रिमाइंडर लेटर भेजे जाने के बाद भी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए अभी तक वित्तीय सहायता की मांग नहीं की है.’’ गांधी ने कहा, ‘‘दस से ज्यादा बच्चे इलाज का इंतजार करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं. इसलिए मैं सरकार से अपील करता हूं कि इन 208 बच्चों का फौरन इलाज शुरू किया जाए.’’ 

Zee Salaam

Trending news