Jammu and Kashmir News: भारतीय इलेक्शन कमीशन ने 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा इलेक्शन के नतीजे घोषित किए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला था. इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने 17 अक्टूबर को दूसरी बार नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
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Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उमर अब्दुल्ला ने 17 अक्टूबर को दूसरी बार नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी तस्वीर पोस्ट की. उन्होंने लिखा, "मैं वापस आ गया हूं."
DGP को दिया ये आदेश
सीएम पद की शपथ लेते ही हरकत में आए उमर ने पुलिस महानिदेशक से विशेष अपील कर निर्देश जारी किए. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट लिखा, “आज मैंने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक से बात की. मैंने उनसे कहा है कि जब मैं सड़क मार्ग से कहीं जाऊं तो कोई “ग्रीन कॉरिडोर” न बनाया जाए या यातायात न रोका जाए."
उन्होंने आगे लिखा, "मैंने उन्हें निर्देश दिया है कि लोगों को होने वाली असुविधा को कम से कम किया जाए. इस दौरान सायरन का इस्तेमाल कम से कम किया जाए. किसी भी तरह की लाठी लहराने या आक्रामक हरकतों से पूरी तरह बचना चाहिए. मैं अपने कैबिनेट सहयोगियों से भी यही उदाहरण अपनाने को कह रहा हूं. हर चीज में हमारा व्यवहार लोगों के अनुकूल होना चाहिए. हम लोगों की सेवा करने के लिए हैं, उन्हें असुविधा पहंचाने के लिए नहीं है."
शपथ ग्रहण में कौन-कौन था शामिल
गौरतलब है कि श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में हुए शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, के.सी. वेणुगोपाल, सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव समेत 'इंडिया' ब्लॉक के कई नेता शामिल हुए हैं.
10 साल बाद इलेक्शन
भारतीय इलेक्शन कमीशन ने 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा इलेक्शन के नतीजे घोषित किए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला था. वहीं, भाजपा एनसी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई. बीजेपी के खाते में 29 सीटें आई. वहीं, कांग्रेस के खाते में महज छह सीटें आईं. एक सीट पर आम आदमी पार्टी का खाता भी खुला था. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने के बाद यहां पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए थे.