Research: इस वक़्त महिलाओं से भूलकर भी न लें पंगा; दिमाग रहता है ज़्यादा गर्म !
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Research: इस वक़्त महिलाओं से भूलकर भी न लें पंगा; दिमाग रहता है ज़्यादा गर्म !

रिसर्च के मुताबिक, महिलाओं के मस्तिष्क का तापमान पुरुषों के मुकाबले आधा डिग्री तक ज्यादा गर्म होता है. खासकर दिन के समय महिलाओं के दिमाग का तापमान करीब 40.9 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है.

अलामती तस्वीर

नई दिल्ली:   क्या कभी आपने सोचा है की दिमाग के तापमान का सीधा सम्बन्ध आपके जेंडर पर निर्भर करता है.  कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की नयी खोज के मुताबिक पुरुषो की तुलना में  महिलाओं के दिमाग का हिस्सा वास्तव में ज्यादा गर्म होता है. स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं  ने पाया की ज़्यादातर महिलाओ के मस्तिष्क का तापमान  40 C से ऊपर होने की संभावना अधिक होती है. वहीँ, महिलाओं के मस्तिष्क का तापमान पुरुषों के मुकाबले आधा डिग्री तक ज्यादा गर्म होता है. खासकर दिन के समय महिलाओं के दिमाग का तापमान करीब 40.9 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है.

महिलाओं का दिमाग गर्म होने की क्या है वजह
कैम्ब्रिज MRC's Laboratory for Molecular Biology के शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में लगभग 0.4C अधिक गर्म होता है.वही उनका दवा है  कि महिलाओं  में हर महीने मासिक धर्म उनके दिमाग के तापमान पर गहरा प्रभाव डालता है और सम्भावना है कि  यह एक मुख्य कारण हो सकता है. वैज्ञानिको ने अपनी रिसर्च के दौरान ज्यादातर महिलाओं को ओव्यूलेशन के बाद के चरण में स्कैन किया. वहीं, प्री-ओव्यूलेशन चरण के तापमान कि तुलना में  लगभग 0.4C का अंतर था. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की रिसर्च ये भी दवा करती है  कि जहां शरीर के बाकी हिस्सों का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, वहीं मस्तिष्क का औसत तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस होता है. इसके साथ ही  मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्सों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो सकता है.

क्या बढ़ती उम्र डालती है दिमाग के तापमान पर असर
वैज्ञानिकों ने इस स्टडी के दौरान स्वस्थ मस्तिष्क के तापमान का पहला 4D नक्शा तैयार किया, जिसमे पाया की शरीर के अलग- अलग हिस्सों का औसत तापमान 38.5 से अधिक हो सकता है . जबकि चेहरा आमतौर पर 37C से कम होता है. लेकिन गहरी मस्तिष्क संरचनाएं अक्सर 40C से अधिक गर्म होती हैं. मस्तिष्क का उच्चतम तापमान 40.9C तक हो सकता है. वहीं,  शरीर के बाकी अंग आमतौर पर रात में ठंडा होता है और दिन के दौरान गर्म होता है. शोधकर्ताओं का ये भी मानना है  कि बढ़ती उम्र के साथ मस्तिष्क की ठंडा होने की क्षमता खराब हो सकती है.

एक दिन में कई बार बदलता है दिमाग का तापमान
इस स्टडी के दौरान शोधकर्ताओ ने एडिनबर्ग के रॉयल इन्फर्मरी में एक दिन में सुबह, दोपहर और देर शाम को स्कैन करने के लिए 20-40 आयु वर्ग के 40 स्वयंसेवकों की भर्ती की थीं. इन 40 लोगों में 20 पुरुषों और 20 महिलाएं शामिल थीं . इन सभी का एक दिन के दौरान तीन बार माप लिया गया और पूरे दिन में दिमाग के तापमान में हुए बदलावों को ट्रैक किया गया. इस शोध में पाया गया कि दिमाग का तापमान फिक्स नहीं होता है . यह उम्र, लिंग, मेंस्ट्रुअल साइकल, मस्तिष्क के हिस्से  और दिन के समय के हिसाब से बदलता रहता है. स्टडी के दौरान  सबसे अधिक नतीजों में पाया गया कि दिमाग का तापमान 36.1ºC से 40.9ºC के बीच था. दिमाग की सतह ठंडी होती है, जबकि गहरे क्षेत्र बेहद गर्म होते हैं. जैसे मस्तिष्क के सबसे गहरे हिस्से थैलेमस का तापमान सबसे ज्यादा था. व्यक्ति के लिंग का भी उनके दिमाग के तापमान पर प्रभाव पड़ता है. रिसर्च में ये भी कहा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ दिमाग का तापमान बढ़ता है.

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