Tejashwi Yadav: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद और महागठबंधन सरकार खत्म होने के बाद पहली बार अपने रद्देअमल का इजहार किया. तेजस्वी ने रविवार को कहा कि, अभी तो शुरुआत हुई है, खेल अभी बाकी है.
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Tejashwi Yadav On Nitish Kumar: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद और महागठबंधन सरकार खत्म होने के बाद पहली बार अपने रद्देअमल का इजहार किया. तेजस्वी ने रविवार को कहा कि, अभी तो शुरुआत हुई है, खेल अभी बाकी है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार की जनता उनके साथ है, इस मुद्दे को लेकर वह अवाम के बीच जाएंगे. तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा कि, "जब काम किया है तो क्रेडिट क्यों न लें ? हमारे 79 एमएलए हैं और सरकार में हमारे अधिक मंत्री थे. आज देखने वाली बात है, 17 साल बनाम 17 महीने. जो काम बिहार में 17 साल में नहीं हुए, वह हम लोगों ने 17 महीने में करके दिखाया. हमने थके हुए सीएम से काम करवाके दिखाया".
"2024 में ही खत्म हो जाएगी जेडीयू"
तेजस्वी ने आगे कहा, "प्रदेश में पर्यटन नीति आई, आईटी को लेकर नई पॉलिसी लाई गई, मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को नौकरी दी गई, यह सब काम हमारे मंत्रियों ने किया. नौकरी देने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. मुझे कोई नाराजगी नहीं है. हम लोगों ने गठबंधन धर्म का पालन किया. जनता हमारे साथ है और इन सभी बातों को लेकर मैं जनता के बीच जाऊंगा. उन्होंने कहा हमारी सरकार ने बेहतरीन काम किया. एजुकेशन की क्वालिटी को बेहतर बनाया. हमेशा जनता के लिए काम किया. तेजस्वी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि, जेडीयू 2024 में ही खत्म हो जाएगी.
सीएम नीतीश ने फिर दिया सरप्राइज
बिहार की सियासत में नीतीश कुमार ने आज अलग ही छाप छोड़ी है. उन्होंने बिहार की जनता को कई बार सरप्राइज दिए हैं. मसलन नीतीश कुमार ने कई बार यू टर्न लिया. जिसके नतीजे में 28 जनवरी 2024 को वो 9वीं बार सीएम की गद्दी पर बैठे. नीतीश कुमार ने ये पहली बार नहीं किया है, बल्कि इससे पहले भी नीतीश ने गठबंधन को तोड़कर एनडीए के साथ, एनडीए से निकल कर गठबंधन के साथ गठजोड़ किया है. काफी उथल-पुथल के बाद आखिरकार रविवार को नीतीश कुमार ने एनडीए के सहयोग से सीएम पद की शपथ ली. नीतीश कुमार के एक बार फिर पाली बदलने और महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल होने और नई सरकार बनाने पर सवाल उठना लाजमी हैं. नीतीश कुमार के इस कदम के बाद वो बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गए हैं.