'सचिन पायलट को बनाया जाए राजस्थान का मुख्यमंत्री, गहलोत हों कांग्रेस के अध्यक्ष'
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'सचिन पायलट को बनाया जाए राजस्थान का मुख्यमंत्री, गहलोत हों कांग्रेस के अध्यक्ष'

Sachin Pilot: कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह जारी है. आज ही कांग्रेस के तकरीबन 64 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. अब मांग उठ रही है कि राजसंथान से कांग्रेस के नेता सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए.

 

'सचिन पायलट को बनाया जाए राजस्थान का मुख्यमंत्री, गहलोत हों कांग्रेस के अध्यक्ष'

Sachin Pilot: इन दिनों कांग्रेस पार्टी में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. इसके आज जम्मू कश्मीर कांग्रेस के केम से कम 64 नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है. इस बीच खबर आ रही थी कि राजस्थान से कांग्रेस के नेता सचिन पायलट को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा. इसके अलावा एक नेता ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है.

मुख्यमंत्री बनाए जाने की हो रही मांग

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम चर्चा में है. इस बीच राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने खुले तौर पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि युवा समूह को आगे आने का मौका देने का यह बिल्कुल सही समय है.

अशोक गहलोत को बनाया जाए पार्टी अध्यक्ष

बैरवा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाता है तो यह उनके लिए बड़े सम्मान की बात है. उन्होंने कहा, उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहिए. साथ ही, सचिन पायलट को राज्य में मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.

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युवा पीढ़ी को मिले मौका

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अब युवा पीढ़ी को मौका देना चाहिए. उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि दूसरी लाइन को आगे लाया जाए और मौका दिया जाए. बैरवा यहीं नहीं रुके और कहा, जब सचिन पायलट मानेसर गए थे तो उनसे कुछ वादे किए गए थे, जिन्हें वापस ले लिया गया था. उस समय जो समस्याएं थीं, वो खत्म हो गई हैं. ऐसे में अब राजस्थान राज्य में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने में क्या दिक्कत है? इस फैसले को लेकर आलाकमान पर कोई दबाव नहीं होना चाहिए.

बीजेपी बना रही भाई भतीजावाद का मुद्दा

उन्होंने आगे कहा, उदयपुर में जब चिंतन शिविर हुआ था तब हमारी नेता सोनिया गांधी ने कड़े स्वर में कहा था कि पार्टी ने आपको बहुत कुछ दिया है. अब पार्टी में लौटने का समय है. लेकिन अभी तो ऐसा कुछ नहीं लग रहा है. आज बीजेपी भाई-भतीजावाद को मुद्दा बना रही है. ऐसे में अगर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने तय किया है कि वे गांधी परिवार से बाहर अध्यक्ष का चुनाव करें, तो मुझे नहीं लगता कि उन पर बार-बार दबाव डाला जाना चाहिए.

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