Sanjay Raut: शिव सेना के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाने वाले संजय राउत इन दिनों ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. आज उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से अदालत ने राउत को 4 अगस्त तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है.
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Sanjay Raut, ED: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राउत को रविवार को पात्रा चॉल घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था, गिरफ्तारी से पहले ईडी की तीन टीमों ने राउत के तीन ठिकानों पर भी रेड की थी. राउत के घर पर करीब 9 घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया गया . इस दौरान राउत के घर से 11.5 लाख रुपए बरामद किए गए. प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत को आज मुंबई की PMLA कोर्ट में पेश किया. ईडी ने कोर्ट से संजय राउत की 8 दिन की रिमांड मांगी थी. कोर्ट में संजय राउत की रिमांड को लेकर काफी देर तक बहस हुई. जिसके बाद अदालत ने राउत को 4 अगस्त तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया.
इस मौके पर हम आपको संजय राउत की जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बाते बताने जा रहे हैं. दरअसल संजय राउत आज महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. अगर संजय राउत की जिंदगी की बात करें तो उनका सफर काफी दिलचस्प रहा है. क्योंकि उनकी गिनती हरफनमौला हस्तियों में की जाती है. क्योंकि वो ना सिर्फ एक सांसद हैं बल्कि संपादक, फिल्म निर्माता भी हैं और प्रवक्ता भी हैं. इसके अलावा भी उनकी जिंदगी में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं जो बहुत कम लोगों को पता है.
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लोकसभा पत्रिका से की करियर की शुरुआत
'लोकसभा पत्रिका' से अपने करियर की शुरुआत करने वाले संजय राउत देश के जाने माने क्राइम रिपोर्टर रह चुके हैं. अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग के एक्सपर्ट्स में से एक नाम संजय राउत का भी आता था. उन्होंने अपनी अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग से ख़ूब सुर्खियां बटोरी और बालासाहेब की क़रीबी बन गए. बालासाहेब से गहराता रिश्ता आखिरकार राउत के लिए नई शुरुआत लेकर आया . शिवसेना प्रमुख ने राउत को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' का कार्यकारी संपादक बनने का ऑफर रख दिया. राउत ने ऑफर कुबूल किया और क़रीब 30 सालों से राउत इसी पद पर काम कर रहे हैं.
संपादक रहते बन गए नेता
सामना का हिस्सा बनने के बाद राउत को शिवसेना की अंदुरूनी राजनीति में दिलचस्पी होती गई. राजनीति में गहराती रूची ने उन्हें शिवसेना का उप नेता बना डाला. इसके बाद पार्टी बड़ी हुई और वे पहली बार 2004 में शिवसेना के टिकट से राज्यसभा पहुंचे. यहां वे शिवसेना के लीडर भी थे. राउत संसदीय और गृह विभाग से जुड़ी कमेटी के मेंबर भी रहे हैं. 2005 से 2009 के बीच राउत सिविल एविएशन मंत्रालय की कंसल्टेंसी कमेटी के सदस्य भी थे.
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"दाऊद इब्राहीम को लगा चुके हैं फटकार"
कहा यह भी जाता है कि संजय राउत के अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहीम के साथ भी गहरे रिश्ते थे. जब वो क्राइम रिपोर्टर थे तो कई बार दाऊद इब्राहीम उनको एक्सप्रेस टॉवर पर खबरें देने आया करते थे. संजय राउत ने खुद यह बात एक प्रोग्राम के दौरान कुबूल की थी. इतना ही नहीं उन्होंने कहा था, 'दाऊद इब्राहिम को मैंने देखा था, उससे बात भी की है. एक बार तो मैंने उसे फटकार भी लगाई थी.' राउत को लेकर यह भी कहा जाता है कि उन्होंने क्राइम रिपोर्टर रहते हुए कभी पुलिस का सामना नहीं किया.
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