एक गलत क्लिक की वजह से गंवानी पड़ी IIT-Bombay की सीट, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
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एक गलत क्लिक की वजह से गंवानी पड़ी IIT-Bombay की सीट, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

आईआईटी में एडमिशन पाना इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का सपना होता है. JEE के एग्जाम में अच्छे नंबर्स हासिल कर मुल्क के अलग-अलग आईआईटी में दाखिला लेने के लिए स्टूडेंट्स सख्त मेहनत करते हैं लेकिन क्या हो कि अच्छी रैंकिंग आने के बाद आपकी एक गलती से आपकी पसंदीदा सीट मिस हो जाए.

फाइल फोटो

आगरा: आईआईटी में एडमिशन पाना इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का सपना होता है. JEE के एग्जाम में अच्छे नंबर्स हासिल कर मुल्क के अलग-अलग आईआईटी में दाखिला लेने के लिए स्टूडेंट्स सख्त मेहनत करते हैं लेकिन क्या हो कि अच्छी रैंकिंग आने के बाद आपकी एक गलती से आपकी पसंदीदा सीट मिस हो जाए. आगरा के एक छात्र के साथ ऐसा ही हुआ है. उसकी एक चूक से उसने IIT-Bombay की सीट गंवा दी. अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

 

एक चूक से निकल गई IIT-Bombay की सीट
आगरा के सिद्धांत बत्रा ने खूब मेहनत करके JEE की एग्जाम में ऑल इंडिया 270वीं रैंक हासिल की थी. वह अनाथ है और दादी व चाचा के साथ रहता है. उसे 'अनाथ पेंशन' मिलती है. अच्छी रैंक के बाद उसने आईआईटी-बॉम्बे (IIT-Bombay) में अपनी पसंद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बी.टेक कोर्स में जगह पक्की कर ली थी लेकिन, यह सीट उसने अपनी एक गलती के चलते 15 दिनों में ही गंवा दी. 18 अक्टूबर को पहले राउंड में उसने इस सीट को सेलेक्ट कर लिया था लेकिन, रोल नंबर को अपडेट करने के दौरान उसने 'अगले राउंड में सीट वापसी' के लिंक पर गलती से क्लिक कर दिया. यहां क्लिक करने का मतलब ये था कि उसे इस सीट पर एडमिशन की जरूरत नहीं है.

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10 नवंबर को नहीं आया दूसरी लिस्ट में नाम
10 नवंबर को अगली यानी दूसरी सूची आनी थी और उसमें सिद्धांत का नाम नहीं था. अपनी इस गलती को उसने कोर्ट में चैलेंज किया. 19 नवंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में सिद्धांत ने अर्ज़ी लगाते हुए वैकेशन बेंच से कहा कि वे आईआईटी को हिदायात दें कि वे 2 दिनों के अंदर इस पर गौर करे. जब लेट रजिस्ट्रेशन के लिए महज दो दिन रह गए थे. ऐसे में आईआईटी बॉम्बे ने बत्रा की अर्ज़ी को खारिज कर दिया था.

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आईआईटी ने दिया नियमों का हवाला
आईआईटी रजिस्ट्रार ने बताया कि इंस्टीट्यूट के पास वापसी के पत्र को खत्म करने का हक नहीं है. ऑनलाइन अमल होने के चलते वह ऐसा कुछ नहीं कर सकते. आईआईटी बॉम्बे ने अपने 'व्यापार के नियमों' का हवाला दिया और कहा कि उसके पास निकासी पत्र को रद्द करने का अधिकार नहीं है. आईआईटी ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया अकेले संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित की गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
आईआईटी-बॉम्बे ने कहा कि उसके पास खाली सीट नहीं थी और बत्रा अगले साल आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, 18 वर्षीय, ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट को एक अतिरिक्त सीट जोड़ने के लिए याचिका लगाई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करने वाला है.

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