NEET पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला; परीक्षा रद्द करने की मांग वालों में नाखुशी
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2349928

NEET पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला; परीक्षा रद्द करने की मांग वालों में नाखुशी

Supreme Court on NEET: सुप्रीम कोर्ट ने NEET की परीक्षा रद्द करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ऐसे सबूत नहीं है कि पूरी परीक्षा अपवित्र हुई है.

NEET पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला; परीक्षा रद्द करने की मांग वालों में नाखुशी

Supreme Court on NEET: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि परीक्षा रद्द करने की मांग सही नहीं है. इसका मतलब है कि नीट-यूजी परीक्षा दोबारा नहीं होगी. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जिससे ये साबित हो कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है.

दोबारा नहीं नीट की परीक्षा
बता दें कि कई छात्र नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रहे थे. उन लोगों ने इसमें कई अनियमितताओं का आरोप लगाया था. यहां तक कि पेपर लीक का भी आरोप लगा. बताया गया कि इसमें कई खामियां हैं. नीट-यूजी परीक्षा 571 शहरों के 4750 केंद्रों के अलावा 14 विदेशी शहरों में भी आयोजित की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रीनीट यानी दोबारा परीक्षा नहीं होगी, इसमें काफी ज्यादा खर्च आएगा.

पटना में हुई चीटिंग
एडवोकेट श्रुति चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी की दलीलें सुनी, सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखी, और फिर फैसला किया कि रिकॉर्ड पर इतना सबूत ही नहीं है दोबारा परीक्षा का आदेश पारित किया जाय. जो चीटिंग हुई थी वो पटना और हजारीबाग के अलावा कहीं नहीं हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इतने कम सबूत के आधार पर अगर दोबारा परीक्षा होगी तो 23 लाख उम्मीदवारों के लिए सुविधाजनक नहीं होगा. 

प्रश्नों को मिलाएं
कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न के ताल्लुक से आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ पैनल द्वारा दी गई राय के मद्देनजर अंकों को नए सिरे से मिलान करने को कहा, जिसमें कहा गया कि दो विकल्पों को एक प्रश्न का सही उत्तर नहीं माना जा सकता. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक को सही विकल्प पर अपनी राय बनाने के लिए तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने और 23 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक अपनी राय अदालत के रजिस्ट्रार को भेजने को कहा था.

Trending news