खुदकुशी तो बस इक बहाना था, जिंदगी को सबक सिखाना था, पढ़िए बेहतरीन शेर
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खुदकुशी तो बस इक बहाना था, जिंदगी को सबक सिखाना था, पढ़िए बेहतरीन शेर

उर्दू शायरी के चाहने वालों की तादाद में लगातार इज़ाफा होता जा रहा है. उर्दू ज़बान पढ़ने वालों की तादाद भले ही कम हो रही है लेकिन इस भाषा के चाहने वालों की कमी आज भी नहीं है. किसी के भी सामने जब उर्दू का जिक्र आता है तो तहज़ीब का ख्याल अपने आप ही आ जाता है.

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Urdu Poetry: उर्दू शायरी के चाहने वालों की तादाद में लगातार इज़ाफा होता जा रहा है. उर्दू ज़बान पढ़ने वालों की तादाद भले ही कम हो रही है लेकिन इस भाषा के चाहने वालों की कमी आज भी नहीं है. किसी के भी सामने जब उर्दू का जिक्र आता है तो तहज़ीब का ख्याल अपने आप ही आ जाता है. एक बहुत बड़ी तादाद ऐसी भी है जो सिर्फ बेहतरीन शायरी की वजह से उर्दू को प्यार करते हैं. इस मौके पर हम आपको उर्दू शायरी के कुछ मशहूर और सोशल मीडिया पर खूब शेयर होने वाले शेर पढ़वाते हैं. 

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खुदकुशी तो बस इक बहाना था
जिंदगी को सबक सिखाना था
वो मेरी आखिरी मोहब्बत थी
मुझको हर हाल में निभाना था


ऐसे हंस हंस के न देखा करो सब की जानिब 
लोग ऐसी ही अदाओं पे फ़िदा होते हैं 


एक चेहरे से उतरती है नकाबें कितनी
लोग कितने हमें एक शख्स में मिल जाते हैं
वक्त बदलेगा तो इस बार मैं पूछूंगा उसे
तुम बदलते हो तो क्यों लोग बदल जाते हैं


जब कोई प्यार में हारा होगा
टूटा एक सितारा होगा
शिर्क में माफी मिलने लगी तो
तुमसे इश्क दोबारा होगा
उसने मुड़कर देखा है तो
पिछले कर्ज उतारा होगा
ये तो घर की बात है उसने
दिल को जान से मारा होगा
तेरी आंख समंदर होगी
मेरा जर्फ किनारा होगा
मैंने प्यार किया था लड़की
तुमने वक्त गुजारा होगा


अब जरूरी तो नहीं है कि सब कुछ कह दे
दिल में जो कुछ भी है आंखों से नजर आता है
मैं उसे सिर्फ ये कहता हूं कि घर जाना है
और वा मारने मरने पे उतर आता है


मैंने दीवार पे क्या लिख दिया खुद को इक दिन
बारिशें होने लगी मुझको मिटाने के लिए

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