बिहार के वैशली में दो दिन पहले सड़क पर जा रहे एक शोभा यात्रा को एक ट्रक ने रौंद दिया था, जिसमें लगभग 12 लोगों की मौत हो गई थी. दो दिन बाद अस्पताल में बेहोश पड़े ट्रक चालक ने होश में आने के बाद बयान दिया है कि उसने ट्रक चलाने के पहले 40 रुपये में देशी शराब खरीदकर उसे पिया था.
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पटनाः बिहार के वैशाली में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के लिए जिम्मेदार ट्रक चालक ने मंगलवार को होश आने के बाद अपना बयान दिया है. चालक ने पुलिस को दिए बयान में इस बात को स्वीकार किया है कि ट्रक चलाने के पहले उसने देशी शराब का सेवन किया था. इस हादसे में सड़क पर जा रही एक शोभा यात्रा को ट्रक ने रौंद दिया था, जिसमें आठ बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में घायल हुए कई लोगों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इतवार की रात में हुए इस हादसे में घायल चालक को भी सदर अस्पताल हाजीपुर में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है. घायलों में चार की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है. उन्हें सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है.
चालक ने पुलिस को बताया, ’’मैंने 40 रुपये में एक गिलास शराब खरीदी और उसे पी लिया था. ड्राइव करते वक्त, एक ट्रक मेरे वाहन के सामने आ गया और उसके चालक ने उसे ओवरटेक करने की जगह नहीं दी. मैं किसी तरह उस वाहन को ओवरटेक करने में कामयाब रहा और नयागंज टोला गांव की तरफ बढ़ गया. फिर वहां क्या हुआ मुझे कुछ शद नहीं है. जोरों की आवाज हुई थी, बस इतना याद है. आरोपित चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इस बीच, केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, जो वैशाली से सांसद हैं, ने पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की है. ट्रक के ड्राइवर ने दावा किया कि उसने 40 रुपये की दर से एक गिलास शराब खरीदी थी और उसे पीने के बाद ट्रक चला रहा था. यानी 40 रुपये की शराब ने 12 लोगों की जान ले ली. इस लिहाज से बिहार में एक जान की कीमत सिर्फ 3.33 रुपये के आसपास है.
खास बात है कि बिहार में पिछले पांच सालों से पूर्ण शराबबंदी लागू है. पशुपति कुमार पारस ने कहा, ’’नीतीश कुमार सरकार के शराबबंदी की यह हकीकत है. शराब हर जगह उपलब्ध है, लेकिन पारस ने कहा कि नीतीश कुमार हकीकत देखने को तैयार नहीं हैं, उन्हें बिहार में शराबबंदी के फैसले को वापस लेना चाहिए.’’
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