Vinesh Phogat in Olympic 2024: विनेश फोगाट की जीत के बाद अब कांग्रेस पीएम मोदी को आड़े हाथों लो रही है. कांग्रेस का कहना है कि क्या पीएम मोदी अब विनेश को फोन करने वाले हैं?
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Vinesh Phogat in Olympic 2024: विनेश फोगाट की जीत के बाद अब सियासत की शुरुआत हो गई है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या वह मंगलवार रात पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में ऐतिहासिक जीत के बाद पहलवान विनेश फोगट को फोन करने वाले हैं.
विनेश फोगाट महिला कुश्ती में ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई हैं. उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन को 5-0 से हराया है. क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो 2020 की चैंपियन जापान की युई सुसाकी को भी हराया था.
विनेश ने जिस जापानी पहलवान को हराया है, उसने 82 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, और अभी तक वह किसी में भी नहीं हारी थी. यही वजह है कि विनेश की यह जीत काफी खास हो जाती है. यही कारण है कि कांग्रेस पीएम को आड़े हाथों ले रही है और उनसे पूछ रही है कि क्या वह उन्हें कॉल करने वाले हैं ?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, "विनेश फोगट को पेरिस में रजत या स्वर्ण पदक मिलना तय है. क्या नॉन-बायोलोजिकल प्रधानमंत्री उन्हें फोन करेंगे? बेशक उन्हें बधाई देने के लिए, लेकिन सबसे अहम बात यह है कि महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनके साथ जिस तरह से बर्ताव किया, उसके लिए माफ़ी मांगेंगे?"
सीनियर कांग्रेस लीडर 2023 में हुए प्रोटेस्ट की बात कर रहे थे. जहां, रेसलर्स ने रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के उस समय के चीफ बृज भूषण के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाते हुए प्रोटेस्ट किया था. इस प्रोटेस्ट में विनेश फोगाट सहित कई बड़े एथलीट्स जैसे साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया शामिल थे. बृज भूषण बीजेपी के मेंबर हैं.
मई में, दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक तथा अन्य को नए संसद भवन तक मार्च करने के लिए हिरासत में लिया था. घटना के बाद, पहलवानों ने अपने पदक गंगा में फेंकने के लिए हरिद्वार की यात्रा की, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें अंतिम समय में रोक दिया.
इस साल 11 जुलाई को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले में मुकदमा शुरू करने और अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने का निर्देश दिया था. यह तब हुआ जब अदालत ने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए, जबकि यह भी कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. भाजपा नेता ने मामले में खुद को निर्दोष बताया है.