साल 1987 के करीब भारत में एटीम मशीन आ गई थी. पहली बार HSBC (Hong Kong and Shanghai Banking Corporation Limited) की मुंबई ब्रांच में इसे लगाई गई थी.
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नई दिल्ली: ATM के आने पहले बैंकों से पैसा निकालने किए लोगों को लंबी कतार में लगनी पड़ती थी, लेकिन एटीएम मशीन की इजाद ने लोगों को इस परेशानी से छुटकारा दिला दिया. लेकिन क्या आप इस अज़ीम इंवेंशन की तारीख जानते है और ये कि ATM के इन्वेंटर का भारत से कनेक्शन है. ये छोड़ियए हो सकता है कि आपको इसका ठीक फुल फॉर्म तक का पता न हो.
ATM की भारत में एंट्री
साल 1987 के करीब भारत में एटीम मशीन आ गई थी. पहली बार HSBC (Hong Kong and Shanghai Banking Corporation Limited) की मुंबई ब्रांच में इसे लगाई गई थी. उसके बाद धीरी-धीरे पूरे मुल्क में उसका दायरा फैलता गया और आज ATM ही पैसा निकालने का बेहरतीन जरिया है.
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दुनिया में पहली बार ATM की इंवेंशन
तारीख थी 27 जून 1967 जब लंदन के एनफील्ड में दुनिया की पहली ATM मशीन लगाई थी. बार्कलेज ब्रांच ने सबसे पहले अपने ब्रांच में ये मशीन लगाई थी.
किसने ATM को इजाद किया और इसके इन्वेंटर का भारत से क्या कनेक्शन है?
जॉन शेफर्ड बैरन (John Shepherd Barron) और उनकी टीम ने ATM को बनाया था. आपको जान कर ये हौरत होगी कि ATM आविष्कार करने वाले जॉन शेफर्ड का भारत के मेघालय से था. जॉन शेफर्ड बैरन (John Shepherd Barron) साल 1925 में मेघालय के शिलॉनंग में पैदा हुए थे.
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ATM का ठीक फुल फॉर्म किया है ?
कुछ लोग तो ATM को टाइम मशीन कहते है, जबकि कुछ लोग इसे ऑटोमेटिक टाइम मशीन करते है. इसका मतलब, लोगों ने अपनी अपनी सोच के एतबार से कई फुल फॉर्म्स बना लिए हैं. आपको बता दें कि एटीएम की असल फुल फार्म है 'ऑटोमेटेड टेलर मशीन (Automated Teller Machine).
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