जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से आर्टिकल 370 को केंद्र सरकार के द्वारा 5 अगस्त 2019 में हटाए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) को जहां भी मौका मिला, वहां पर वह जहर उगलने से बाज नहीं आया. इस दौरान दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. 7 अगस्त को समझौता एक्सप्रेस ((Samjhauta Express) सवारियों को लेकर पंजाब के अमृतसर जिले के अटारी से पाकिस्तान गई थी.
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अमृतसर: भारत के खिलाफ हमेशा जहर उगलने वाले पाकिस्तान (Pakistan) के मुफ़लिस के किस्से जग जाहिर है. पाकिस्तान मुफ़लिसी से बाहर निकलने के लिए कभी गधे बेचता है तो कभी अपनी ज़मीन. पाक की आर्थिक किल्लत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके पास खुद के ट्रेनों के लिए बोगियां तक नहीं हैं. इसलिए पाकिस्तान, समझौता एक्सप्रेस (Samjhauta Express) के 11 और मालगाड़ी के 10 डिब्बें पिछले डेढ़ साल से इस्तेमाल कर रहा है. इतना ही नहीं भारतीय रेल (Indian Railway) की तरफ से तलब करने के बाद भी बोगियों को लौटा नहीं रहा है.
डेढ़ साल से समझौता एक्सप्रेस के डिब्बों का इस्तेमाल कर रहा है पाकिस्तान
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से केंद्र सरकार के द्वारा 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) को जहां भी मौका मिला, वहां पर वह जहर उगलने से बाज नहीं आया. इस दौरान दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. 7 अगस्त को समझौता एक्सप्रेस (Samjhauta Express) सवारियों को लेकर पंजाब के अमृतसर जिले के अटारी से पाकिस्तान गई थी. अगले दिन पाक ने इस ट्रेन की सेवा को बंद कर दिया. इस वजह से समझौता एक्सप्रेस की 11 बोगियां पाकिस्तान में ही रह गई. साथ ही मालगाड़ी के भी 10 डिब्बे जो समान पहुंचाने पाकिस्तान गए थे, वो भी वापस नहीं आ सके. भारतीय रेल मंत्रालय ने डेढ़ साल के अंतराल में दो दफा पाकिस्तान को रिमाइंडर भेज चुका है लेकिन इन बोगियों की वापसी अभी तक नहीं हो पाई.
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क्या बोले DRM
फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने एक हिंदी अखबार को बताया कि पाकिस्तान इस समय हमारी बोगियां इस्तेमाल कर रहा है. इन्हें वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है. हालत सामान्य होते ही इन डिब्बों को भारत लाया जाएगा. इंडिया-पाकिस्तान के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए समझौता एक्सप्रेस को चलाया जाता है लेकिन यह ट्रेन दोनों देशों में पैदा होने वाले तनाव की भेंट चढ़ती रही है.
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शिमला समझौते के बाद शुरू हुई थी समझौता एक्सप्रेस
22 जुलाई 1976 में शिमला समझौते (Shimla Agreement) के बाद पाकिस्तान के लाहौर से भारत के अमृतसर के बीच समझौता एक्सप्रेस को पहली बार शुरू किया गया था. 18 साल बाद 1994 में इस ट्रेन को अटारी से लाहौर के बीच चलाया जाने लगा. भारतीय रेल दिल्ली से अटारी और अटारी से दिल्ली के बीच समझौता लिंक एक्सप्रेस का परिचालन करता था. पैसेंजर अटारी स्टेशन से ट्रेन को बदलते थे. जनवरी से जून तक पाकिस्तान रेलवे की ट्रेन चलती थी, वहीं जुलाई से दिसंबर के बीच भारत की. जब भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता है तो इस ट्रेन पर ब्रेक लग जाता है.
बता दें कि पिछले साल जनवरी में भी मोदी सरकार ने इमरान सरकार को इस ट्रेन के डिब्बों को लौटाने के बारे पत्र लिखा था. बरहारल पाकिस्तान में मुफ़लिसी का दौर जारी है और अपनी बदनीयती के कारण वह इन डिब्बों को लौटा नहीं रहा है.
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