Chinese military drills around Taiwan: अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन लगातार ताइवान पर अमेरिकी सहयोग छोड़ने के लिए दबाव डाल रहा है, जबकि चीन ने ताइवान के साथ अपने संबंधों को आंतरिक मामला बताते हुए अमेरिका को भी इस क्षेत्र में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है.
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ताइपेः ताइवान में अमेरिकी प्रतिनिधि की यात्रा के बाद यूएस और चीन में उपजे तवान के बाद ताइवान पर चीनी हमले का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन की सेना ने इतवार को ताइवान के आसपास जमीनी हमलों और लंबी दूरी के हवाई हमलों पर केंद्रित युद्ध अभ्यास में हिस्सा लिया. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना के पूर्वी थिएटर कमांड ने दोपहर के आसपास पानी और हवाई क्षेत्र में ’योजना के मुताबिक’ लाइव-फायर अभ्यास किया. चीनी सरकारी मीडिया ने बताया कि अभ्यास, द्वीप के चारों तरफ छह क्षेत्रों में होने की योजना है. यानी चीन हर तरह से ताइवान पर दबाव बनाकर उसे अमेरिकी मदद हासिल करने से रोकना चाहता है. उधर, चीन की हरकतों पर अमेरिका भी लगातार नजर रखे हुए है. उस इलाके में यूएस के चार युद्धपोत मौजूद हैं, जिसमें एक परमाणु संचालित विमान वाहक पोत भी शामिल है.
चीनी सैनिकों को जवाब देने के लिए ताइवान भी तैयार
वहीं, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इतवार को कहा कि उसने ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास कई चीनी विमानों, नौसैनिक जहाजों और ड्रोन का पता लगाया है. मंत्रालय ने कहा कि ताइवान की सेना ने हालात पर बारीकी से नजर रख रही है, और द्वीप के चारों तरफ चीनी सैन्य अभ्यासों पर ’उचित’ प्रतिक्रिया करने के लिए विमान और जहाजों को तैनात और तैयार कर रखा है. मंत्रालय ने इतवार की सुबह पाए गए चीनी विमानों, जहाजों या ड्रोन के लिए एक सटीक तादाद नहीं बताई है. हालांकि, इस संकट के समय ताइवान ने भी विश्व समुदाय से उसका सहयोग करने की अपील
की है.
चीन-ताइवान में किस बात का है झगड़ा
गौरतलब है कि ताइवान और चीन के बीच विवाद काफी पुराना है. साल 1949 दोनों हिस्से खुद को एक देश मानते हैं, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व कौन सी सरकार करेगी, इसपर विवाद है. चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक आजाद मुल्क मानता है. दोनों के बीच दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही विवाद चल रहा है.
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