इस तरह का एक शक्ल जो सबसे पहले ब्रिटेन में नजर आई थी और जिसे अब तक B.1.1.7 नाम से जाना जाता है उसे अब से ‘‘अल्फा’’ स्वरूप कहा जाएगा.
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जिनेवा: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइंजेशन (WHO) ने कोरोना वायरस की अलग-अलग शक्लों की नामावली का नया इंतेजाम शुरू करने का ऐलान किया है. इन शक्लों को अब तक उनके तकनीकी अक्षर-संख्या कोड के नाम से जाना जाता है या उन देशों की शक्लों के तौर जाना जाता है, जहां वे सबसे पहले सामने आए थे.
WHO ने कहा कि एक गैर जानिबदाराना (निष्पक्ष) और समझने लायक संतुलन बनाने के लिए अब वायरस के सबसे ज्यादा ‘चिंताजनक’ शक्लों की पहचान यूनानी भाषा के अक्षरों के ज़रिए होगी.
इस तरह का एक शक्ल जो सबसे पहले ब्रिटेन में नजर आई थी और जिसे अब तक B.1.1.7 नाम से जाना जाता है उसे अब से ‘‘अल्फा’’ स्वरूप कहा जाएगा. वायरस का B.1.351 स्वरूप जिसे दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के नाम से भी जाना जाता है उसे ‘बीटा’ स्वरूप के नाम से जाना जाएगा.
ब्राजील में पाया गया तीसरा स्वरूप ‘गामा’ नाम से पहचाना जाएगा और भारत में सबसे पहले सामने आया वायरस का स्वरूप ‘डेल्टा’ कहलाएगा. आगे आने वाले चिंताजनक स्वरूपों को इसी क्रम में नाम दिया जाएगा.
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डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह नई व्यवस्था विशेषज्ञों के समूहों की देन है. उसने कहा कि हालांकि वैज्ञानिक नामावली प्रणाली को खत्म नहीं किया जाएगा और नई व्यवस्था, स्वरूपों के "सरल, बोलने तथा याद रखने में आसान" नाम देने के लिए है.
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