राजस्थान में अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित खूबसूरत शहर अलवर में पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था. तब से आज तक इन चुनावों में 4 बार भाजपा, 11 बार कांग्रेस और एक-एक बार निर्दलीय, जनता दल और जनता पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है. दिल्ली से 150 किमी दक्षिण और जयपुर से 150 किमी उत्तर में इस महाभारत काल से भी पहले अलवर की स्थापना हुई थी. तब इसका नाम मत्स्य नगर हुआ करता था. राजपूत और यादव की अधिक आबादी वाले अलवर में सरिस्का टाइगर सेंचुरी के अलावा कई ऐतिहासिक किले और हवेलियां देशी विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र हैं. इसके अलावा सिटी पैलेस, विजय मंदिर, बाला किला और फतहगंज का मकबरा भी देखने के लिए लोग आते रहते हैं. अलवर लोकसभा सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाता करीब 17.8 फीसदी है. इसी प्रकार 5.9 फीसदी अनुसूचित जनजाति के वोटर हैं. 18 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. इस क्षेत्र में 76.8 फीसदी मतदाता गांवों में रहते हैं. करीब 23 फीसदी मतदाता शहरी हैं.
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