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Karwa Chauth Par Kab Nikalega Chand: हिंदू शास्त्रों में करवा चौथ के व्रत का विशेष महत्व है. बता दें कि ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए आज के दिन निर्जला व्रत रखती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज के दिन कई शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है. मान्यता है कि इन शुभ योगों में पूजा करने और व्रत रखने से व्रत का कई गुना ज्यादा फल मिलता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुहागिनों के लिए ये करवा चौथ शुभ माना जा रहा है. इस दिन ग्रहों की शुभ स्थिति से देव-देवताओं की खास कृपा प्राप्त होगी. इस दिन महिलाएं सूर्योदय के बाद से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं. चंद्रोदय के बाद दर्शन किए जाते हैं और चंद्र देव को अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण किया जाता है. लेकिन मान्यता है कि चंद्र देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए चंद्र देव को सही विधि से अर्घ्य देना बहुत जरूरी है. तभी व्रत का पूर्ण फल मिलता है.
करवा चौथ पर ऐसे दें चंद्रमा को अर्घ्य (Chandrama Aghya Vidhi)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करवा चौथ के मौके पर महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और गणपति, भगवान शिव, मां पार्वती और करवा माता की पूजा की जाती है. इसके बाद व्रत कथा पढ़ी और सुनी जाती है. रात में चंद्रोदय के समय पूजा की थाली में आटे का दीपक, फल, मिठाई, जल से भरे दो करवे और छलनी रख दें. चांद निकलने के बाद छलनी में आटे का दीपक रख लें और उत्तर पश्चिम दिशा में मुंह करके चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित करें.
बता दें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय "ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्यं मे प्रतिग्रह्यताम" इस मंत्र का उच्चारण करें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छलनी से पहले चांद को और फिर पति देव के दर्शन करें.
बता दें इसके बाद दूसरे करने से पहले पति को पानी पिलाए और फिर पति के हाथ से उसरी करवे से जल पीएं. इसके बाद व्रत का पारण करें. पराण में सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. चंद्र देव की इस तरह पूजन करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)