Shani Mahadasha: जानें क्या है शनि की महादशा, साढ़ेसाती-ढैया, शनिवार को करें ये उपाय तो बरसेगी कृपा
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Shani Mahadasha: जानें क्या है शनि की महादशा, साढ़ेसाती-ढैया, शनिवार को करें ये उपाय तो बरसेगी कृपा

Shani Dhaiyya: शनिदेव की महादशा, साढ़ेसाती और ढैया से बचने के लिए सावन के शनिवार को कुछ उपाय बताए गए हैं. इससे इंसान की जिंदगी में इनका प्रभाव कम होगा और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी.

 

Shani Mahadasha: जानें क्या है शनि की महादशा, साढ़ेसाती-ढैया, शनिवार को करें ये उपाय तो बरसेगी कृपा

Shani Sade Sati: सावन का महीना (Sawan Month 2022) 14 जुलाई से शुरू हो गया है. इसके साथ ही 12 जुलाई को ही शनि देव (Shani Dev) अपनी राशि बदल कर कुंभ से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं. शनि की महादशा की बात करें तो यह 19 साल की होती है. यह हर इंसान की जिंदगी में एक बार जरूर आती है. इसका काफी प्रभाव पड़ता है. वहीं, शनि का साढ़ेसाती 7 साल और ढैया 2 साल 6 महीने चलती है.

  1. जानें क्या है शनि की महादशा और साढ़ेसाती
  2. सावन के शनिवार करें ये उपाय
  3. जिंदगी में आएगी खुशहाली

शनि के साथ राहु की भी महादशा

शनि की महादशा के साथ राहु की महादशा भी चलती है, वह दो साल की होती है. इस दौरान इंसान को मानसिक कष्ट से गुजरता पड़ता है. ऐसा नहीं शनि की महादशा सभी के लिए खराब होती है. कुंडली के अनुसार, शनि की महादशा किसी को काफी धनवान भी बना सकती है.

शनि की अंतर्दसा 2 साल 10 महीने

वहीं, शनि की महादशा में शनि की अंतर्दसा 2 साल 10 महीने की होती है. इस दौरान इंसान को हल्की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं. जब गोचर में शनि किसी राशि से चौथे और आठवें स्थान पर होते हैं तो इसे ढैया कहते हैं. हर किसी के जीवन साढ़ेसाती 30 साल में वापस जरूर आती है.

ये करें उपाय

हालांकि, किसी की राशि में साढ़ेसाती या ढैया का मुश्किल दौर चल रहा है तो सावन के महीनें में कुछ उपाय करके अच्छी जिंदगी जी जा सकती है. सावन के शनिवार कालसर्प योग और रुद्राभिषेक परिणामों से राहत देते हैं. साढ़ेसाती और महादशाओं से पीडित लोग सावन के शनिवार को भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करा सकते हैं.

तेल का करें दान

इसके साथ ही कुछ अन्य उपाय किए जा सकते हैं. सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं. शनि देव को तेल और नीले फूल चढ़ाएं. पूजा करते समय सीधे शनि की मूर्ति के दर्शन न करें. पीपल पर जल चढ़ाएं और सात फेरे करें. हर शनिवार को स्नान करने के बाद तेल का दान करें. हनुमानजी को सिंदूर और चमेली चढ़ाएं. रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 
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