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Shubh Yog In Kundali: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का विशेष महत्व है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति का व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार ग्रह समय- समय पर राशि परिवर्तन करके राजयोग का निर्माण करते हैं जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन और धरती पर सकारात्मक या नकारात्मक रूप से देखने को मिलता है. ज्योतिष शास्त्र में नीचभंग राजयोग को अत्यंत शुभ माना गया है. कहते हैं कि जिस व्यक्ति की कुंडली में नीचभंग राजयोग होता है उसे अपने जीवन में धन, ऊंचा पद, मान-प्रतिष्ठा, आरोग्य आदि का सुख प्राप्त होता है.
कैसे बनता हैं नीचभंग राजयोग
अगर कुंडली में नीच ग्रह का राशि स्वामी या नीच ग्रह की उच्च राशि का स्वामी चन्द्र से केन्द्र में हो और उस पर कोई बुरा प्रभाव नहीं हो तो नीचभंग राजयोग बनता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में नीच ग्रह की राशि अपने स्वामी ग्रह में हो और उस पर कोई बुरा प्रभाव नहीं हो तो नीचभंग राजयोग बनता है.
नीचभंग राजयोग के प्रभाव से क्या होता है?
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य के वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो ऐसा व्यक्ति वरिष्ठ लोगों की सहायता से सफल बनता है.
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध के वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो ऐसा व्यक्ति अपने दोस्तों के बदौलत सफल बनता है.
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा के वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो ऐसा व्यक्ति भावुक और जल्द विश्वास करने वाला होता है.
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल के वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो ऐसा व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलती है और खूब धन कमाता है.
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र के वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो ऐसा व्यक्ति को काफी प्रसिद्धि मिलती है. ऐसा व्यक्ति राजा की तरह जीता है.
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु के वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो ऐसा व्यक्ति की बुद्धिमान होता है.
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि के वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो ऐसा व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता पाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)