Pitra Dosh ke Lakshan Upay: पितृ दोष के पीछे कई वजह हो सकती हैं. कई बार परिवार के पूर्वजों के कर्मों के कारण भी पितृ दोष लगता है. यदि घर-परिवार में कुछ खास लक्षण दिखें तो तुरंत पितृ दोष निवारण के उपाय कर लें.
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Pitra Dosh nivaran upay: पितरों का आशीर्वाद और उनकी नाराजगी जीवन पर बड़ा असर डालती हैं. इसलिए पितरों की नाराजगी को तुरंत दूर करने के लिए उपाय कर लेने चाहिए. वरना पूर्वजों की नाराजगी घर बर्बाद कर देती है. करियर, सेहत, आर्थिक स्थिति, रिश्तों आदि पर बुरा असर पड़ता है. देवी-देवताओं की तरह पितरों की कृपा बहुत लाभ देती है. यदि ये अप्रसन्न हो तो मनुष्य को कई कष्ट झेलने पड़ते हैं. आज हम पितृ दोष के लक्षण और उनसे निजात पाने के उपाय जानते हैं.
पूर्वजों के कर्मों के कारण भी लगता है पितृ दोष
कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण तो पितृ दोष लगता ही है इसके अलावा पूर्वजों के कर्म भी पितृ दोष का कारण बनते हैं. साथ ही पितरों की नाराजगी भी पितृ दोष की वजह बनती है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति की कुंडली में यदि शुभ योग हों तो भी जातक को उनका अच्छा फल नहीं मिलता है. उसका जीवन कष्ट, संघर्ष, अभाव और दुखों में कटता है. घर में हमेशा कलह, धन की कमी, बीमारियां, संतान प्राप्ति में बाधा और विवाह में देरी जैसी समस्याएं होती हैं.
पितृ दोष के लक्षण
घर में हो रही कुछ खास घटनाएं बताती हैं कि पितृ दोष का साया है. ऐसे में इन्हें कुछ खास लक्षणों से पहचान लेना चाहिए.
- यदि परिवार में किसी का आकस्मिक निधन या दुर्घटना हो तो यह पितृ दोष का संकेत है. बार-बार एक्सीडेंट होना भी पितृ दोष का इशारा है.
- घर में किसी सदस्य का बार-बार बीमार होना और लंबे समय तक बीमारी का चलना.
- परिवार में विकलांग या अनचाहे बच्चे का जन्म होना. बच्चे में किसी तरह की विकृति होना.
- असंस्कारी संतान, बच्चों द्वारा प्रताड़ना भरा व्यवहार करना. परिवार के बुजुर्गों का अपमान करना. घर में रोज-रोज झगड़े-कलह होना.
- घर में विवाह योग्य लड़के-लड़कियों का विवाह ना होना.
- गर्भ धारण न होना. संतान प्राप्ति में बाधा आना.
- नशे, बुरी आदतों का शिकार होना.
पितृ दोष निवारण के उपाय
यदि घर में ऐसे संकेत मिलें तो पितृ दोष निवारण के उपाय कर लें. इसके लिए श्राद्ध पक्ष का समय सर्वश्रेष्ठ होता है. इन 15 दिन में तर्पण और पिंडदान करें. ब्राह्मण को भोजन कराएं. यदि पूर्वजों की मृत्यु की तिथि नहीं मालूम है तो श्राद्ध पक्ष की अमावस्या के दिन तर्पण करें. पीपल के पेड़ पर जल, फूल, दूध व काले तिल चढ़ाकर पूर्वजों को याद करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)