फेसबुक
Opinion: आप उत्पाद हैं, फेसबुक आपको बेच रहा है!
''न्यूयॉर्क टाइम्स'' की इस बार की रिपोर्ट ज्यादा चिंताजनक इसलिए है क्योंकि इसमें कहा गया है कि फेसबुक ने यूजर्स के निजी चैट का एक्सेस कंपनियों को दिया है.
Dec 20,2018, 22:46 PM IST
कुमाऊं
मां नंदा को कुमाऊं लाया था यह राजा, जीता था कैलाश मानसरोवर
1655 ईस्वी में बाज बहादुर चंद ने गढ़वाल पर आक्रमण किया और रियासत जीत ली. उस वक्त गढ़वाल की रानी कर्णावती थी.
Aug 3,2018, 20:41 PM IST
ललित फुलारा
उसकी झूमती आंखों ने मुझे 'ठग' लिया
यह कहानी ज़रा पुरानी है. इतनी पुरानी नहीं कि आदम के ज़माने की सैर करा लाये. इतनी सच्ची भी नहीं कि झूठ के लिए जगह ही न हो. फिल्म सिटी से चार कदम की दूरी पर डिजिटल युग का मेट्रो स्टेशन है.
Jul 15,2018, 14:49 PM IST
जीवन संघर्ष
जिंदगी को सिर्फ काटिए नहीं, इसे यूं सहज और सुंदर बनाइए!
'जिंदगी कैसी चल रही है?'
Jul 9,2018, 11:46 AM IST
रोबोट
वो दिन दूर नहीं जब रोबोट वोट डालेंगे, सरकारें चुनेंगे और अधिकारों की मांग करेंगे
पक्षियों को देखकर इंसानी जेहन में उड़ने का ख्वाब पैदा हुआ. ये ख्वाब आदम काल में भी रहा. उड़ने की ख्वाहिश लिए कई लोगों ने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया, जिन लोगों के नाम दर्ज हुए, वो इतिहास बना.
May 29,2018, 11:37 AM IST
पलायन
मेरे पांव में चमचमाते शहर की बेड़ियां, आंगन वीरान और गांव खाली हैं...
त्रिभुजाकार छतों पर जिंदगी के संघर्ष, उतार-चढ़ाव और सफलता में धैर्य और विनम्रता की सीख छिपी थी. पर अब सबकुछ विरान है. गांव खाली पड़ा है.
May 22,2018, 12:59 PM IST
विकास
ताकि पेड़ों की छांव बनी रहे
विकास के नाम पर जहां एक तरफ हम पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के लिए 'कुल्हाड़ी' उठाए तत्पर हैं। वहीं, दूसरी तरफ विभिन्न शहरों में कुछ हाथ पेड़ों के संरक्षण के लिए मुठ्ठी बांधे बुलंद हैं। मेरी दिलचस्पी ऐसे ही हाथों के प्रति है। वर्षों पहले मेरे गृहराज्य में पेड़ों को काटने के विरोध में एक महान आंदोलन का सूत्रपात हुआ। दुर्भाग्यवश! मैं उस 'चिपको आंदोलन' को अपनी आंखों से नहीं देख पाया। लेकिन, मेरी कल्पनाओं में पेड़ों से चिपकी पहाड़ी औरतें हमेशा कई विंब बनाती रहीं।
Feb 29,2016, 17:22 PM IST
ई-फार्मेसी
ऑनलाइन दवा बेचने वाली 'ई-कॉमर्स' कंपनियों पर लटकी तलवार!
Jan 7,2016, 18:33 PM IST
जेनरिक दवाएं
दवा में 'ब्रांड' के नाम पर लूट का काला कारोबार
दवाएं हमारे अनमोल जीवन को बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन, जब इन दवाओं में घालमेल होने लगे, कालाबाजारी का साया मंडराने लगे तो फिर जिंदगी पर ग्रहण लग जाता है! अफसोस है कि तमाम कवायदों के बावजूद भी गरीब को सस्ती से सस्ती दवा उपलब्ध कराने की सरकारी पहल भी धरातल पर खरी नहीं उतर पाई है! दवा में 'ब्रांडिंग' के नाम पर देश की गरीब जनता को लूटने का खेल जारी है...
Dec 1,2015, 9:51 AM IST
इंटरनेशनल ट्रेड फेयर
ट्रेड फेयर में पहली बार कमोडिटी मार्केट की स्टॉल, जागरुकता के लिए क्विज कॉम्पटिशन
पैंतीसवें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस साल पहली बार सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) ने अपनी स्टॉल लगाई है। सेबी ने लोगों को कमोडिटी और शेयर बाजार के प्रति जागरुक करने के लिए अपने विभिन्न एक्सचेंजिज को व्यापार मेले में जगह दी है। इसमें दो कमोडिटी, दो इक्विटी एक्सजेंज, बीएसई और एनएसई शामिल हैं। कमोडिटी मार्केट (वायदा बाजार) के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए सेबी की तरफ से एनसीडीईएक्स (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज) और मल्टी कमोडिटी एक्सजेंज को जगह दी गई है। एनसीडीएक्स की स्टॉल पर बैठे एक्सक्यूटिव का कहना है कि उन्होंने लोगों को कमोडिटी मार्केट के प्रति जागरुक करने के लिए एक क्विज कॉम्पटिशन रखा है जिसमें लोगों से 16 प्रकार के कृषि उत्पादों को पहचानने के लिए कहा जाता है।
Nov 22,2015, 14:27 PM IST
उत्तर प्रदेश पुलिस
आखिर क्यों उदासीन हो गई है पुलिस....?
पुलिस अपनी छवि कब सुधारेगी? या पुलिस की छवि कब सुधरेगी? यह स्वाभाविक यक्ष प्रश्न जवान से लेकर बुजुर्ग हर उस इंसान के जहन में ज़रूर कौंधता होगा जो अपने जीवन-काल में चौकी और थाने की चौखट देख आया हो या फिर किसी ना किसी रूप में खादी वर्दी से उसका वास्ता पड़ा हो। अमूमन ज्यादातर लोग गंभीर घटनाओं और आपराधिक वारदातों से पहले सिर्फ इसलिए वर्दी वालों के दहलीज पर कदम नहीं रखते, क्योंकि वहां आरोपी से ज्यादा सख्ती पीड़ित के साथ दिखाई जाती है।
Oct 19,2015, 10:28 AM IST
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