AMT Vs Manual: पहली बार कार खरीदने पर ग्राहकों के मन में ये सवाल आम है कि ऑटोमैटिक कार खरीदी जाए या मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार, ये कन्फ्यूजन होना लाजमी है क्योंकि तभी तो आप इन दोनों का फर्क जान पाएंगे.
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Automatic Transmission Vs Manual Transmission: जब आप आटोमेटिक कार का नाम सुनते हैं तो जो पहली चीज आपके दिमाग में आती है वो है लग्जरी, प्रीमियमनेस, कम्फर्ट और स्टेटस सिम्बल, जबकि ऑटोमैटिक नाम सुन कर आपको ऐसा कोई ख्याल नहीं आता है. पहले के मुकाबले अब ऑटोमैटिक कारों का चलन भी बढ़ गया है. आप अगर बिगिनर ड्राइवर हैं और एक नई कार खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको कौन सी कार खरीदनी चाहिए? इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है. अगर आप भी एक नई कार खरीदने जा रहे हैं और आपके मन में भी ये सवाल है तो चलिए जानते हैं कि इन दोनों ट्रांसमिशन वाली कारों की खूबियां क्या होती हैं.
ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कार
ऑटोमैटिक कार में भी आपको गियर देखने को मिल जाता है, हालांकि ये गियर किसी स्विच की तरह होता है जिसमें मोड लिखे होते हैं और आपको इन्हें फॉलो करना पड़ता है. इनमें आपको बार बार गियर बदलने के जरूरत नहीं पड़ती है. बस एक बार गियर को ड्राइव मोड पर डालना है और इसे चलाते जाना है. ऑटोमैटिक कारें शहरी सड़कों पर बेहतरीन परफॉर्मेंस ऑफर करती हैं. अब अगर बात करें दिक्कतों की तो आपको इन्हें चलाते समय पावर की कमी महसूस हो सकती है. दरअसल ऑटोमैटिक कार को आप टेक ओवर करने की कोशिश करते हैं या फिर हाइवे या पहाड़ी सड़कों पर चलाते हैं तो आपको थोड़ी दिक्कत आने लगती है. अगर आप कम्फर्ट ड्राइव चाहते हैं तो उसके लिए ये सही रहती हैं लेकिन पावर एक्सपीरियंस के मामले में आपको इनसे थोड़ी निराशा हो सकती है.
मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार
मैनुअल कार में आपको एक प्रॉपर गियरबॉक्स देखने को मिलता है जिसे आपको स्पीड और जरूरत के हिसाब से बदलना पड़ता है. अगर आप मैनुअल कार चला रहे हैं तो आपको शहरी सड़कों पर बार-बार गियर बदलना पड़ता है. इसमें आपको क्लच और गियर का कॉम्बिनेशन बना के काम करना पड़ता है. ऐसे में आप अगर कम्फर्ट ड्राइव चाहते हैं तो आपको थोड़ी निराशा होगी। हालांकि जब बात आती है पावर ड्राइव की तो ये आपको निराश नहीं करती है, खास तौर से उस समय जब आप इसी कार को ओवरटेक कर रहे होते हैं या फिर आप हाइवे पर ड्राइविंग कर रहे होते हैं.