Electric Vehicle policy: एलन मस्क को नई पॉलिसी रास आ गई तो 37 लाख में आप ले पायेंगे टेस्ला की कार
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Electric Vehicle policy: एलन मस्क को नई पॉलिसी रास आ गई तो 37 लाख में आप ले पायेंगे टेस्ला की कार

Tesla EV News: भारत सरकार ने ईलेक्ट्रिव व्हीकल पॉलिसी (electric vehicle policy) पेश कर दी है. अगर एलन मस्क सरकार की शर्तें मान लेते हैं तो भारत में टेस्ला की कार आपको पहले से कहीं कम रेट में मिल सकेंगी.

Electric Vehicle policy: एलन मस्क को नई पॉलिसी रास आ गई तो 37 लाख में आप ले पायेंगे टेस्ला की कार

Tesla and EV Policy: भारत सरकार ने ईलेक्ट्रिव व्हीकल पॉलिसी (electric vehicle policy) पेश कर दी है. भारत में किफायती इलेक्ट्रिक कार की कीमत 7 लाख से शुरू होती है. सस्ती EV के शौकीनों लिए MG, TATA और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने 20 लाख तक की प्राइस रेंज में शानदार गाड़ियां पेश की हैं. महंगी कारों की बात करें तो मर्सिडीज (Mercedes), ऑडी (Audi), पोर्श (Porsche), BMW, वॉल्वो और जगुआर जैसी कंपनियों के धांसू मॉडल हैं. ऑटो इंडस्ट्री के जानकारों की माने तो टेस्ला की गाड़ियों की बात अलग है. फिलहाल ये गाड़ियां भारत में दूर की कौड़ी हैं. टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) की कोशिश है कि भारत में उनका प्रोडक्ट उनकी शर्तों पर बेचे. उनकी कोशिशों से इतर भारत सरकार ने EV पॉलिसी पेश कर दी है. 

EV के लिए भारत बहुत बड़ा बाजार

मौजूदा समय में ईवी के आयात पर 100 % सीमा शुल्क लगता है. हाल ही में भारी उद्योग मंत्रालय ने 'भारत में EV कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए धांसू स्कीम पेश की है. इसमें न्यूनतम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपये) के इन्वेस्टमेंट के साथ मेनुफेक्चरिंग प्लांट लगाने वाली कंपनियों को एक्साइज ड्यूटी में छूट का प्रावधान रखा गया है. वहीं वित्त मंत्रालय के मुताबिक EV प्रोत्साहन योजना के तहत भारत में मेनुफेक्चरिंग प्लांट लगाने वाली कंपनियां 2031 तक न्यूनतम 35000 डॉलर मूल्य (भारतीय मुद्रा में करीब 29 लाख रुपये तक) की EV को 15% शुल्क पर आयात कर सकती हैं. 

टेस्ला की टशन

टेस्ला के बॉस 2019 से भारत में अपनी शर्तों पर कारें बेचना चाहते हैं. मस्क चीन में मौजूद अपने टेस्ला प्लांट में बनी गाड़ियां भारत में बेचना चाहते हैं. इसके लिए वो खुद और टेस्ला के बाकी अफसर भारत  सरकार से आयात शुल्क दरों में कटौती की मांग पर अड़े थे. वहीं टैक्स रियायतों को लेकर मोदी सरकार का स्टैंड एकदम क्लियर है. सरकार का कहना है कि TAX छूट का लाभ सिर्फ उन्हें मिलेगा जो भारत में प्रोडक्शन प्लांट लगाएंगे. इस योजना को लेकर नांगिया एंडरसन LLP में पार्टनर संदीप झुनझुनवाला का कहना है कि इस रियायती शुल्क व्यवस्था से विदेशी EV निर्माताओं की भारत में एंट्री का रास्ता साफ होगा.

ड्यूटी कम लगेगी तो आपके लिए सस्ती हो जाएगी टेस्ला की ईवी

वर्तमान में भारत आयातित कारों पर उसके मूल्य के आधार पर 70-100 % टैक्स लगाता है. भारत सरकार ने पॉपुलर ओटोमोबाइल मैनुफेक्चरर्स को निवेश के लिए आकर्षित करने की नई योजना के तहत एक निश्चित संख्या में इलेक्ट्रिक कारों/वाहनों के आयात पर करों में 85% तक की कटौती की है. सरकार का कहना है कि इस पॉलिसी को ई-गाड़ियों के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए किया गया है. 

दाम कम होने का गणित भी जानिए

उदाहरण के लिए अभी कोई गाड़ी 70 लाख की है और उस पर मान लीजिए 100% टैक्स है. इस हिसाब से उसकी बेस प्राइज 35 लाख हुई. अब अगर टेस्ला भारत सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी से सहमत हो जाती है तब उस पर केवल 15% ड्यूटी शुल्क लगेगा. 35 लाख पर अब अगर 15% टैक्स (पांच लाख 25 हजार रुपये) लगेगा तो यही गाड़ी करीब 40 लाख की पड़ेगी. 

सबसे सस्ती टेस्ला कार भारत में लगभग 70 लाख रुपये में बिकती है. टेस्ला को आज नहीं तो कल भारत में अपनी गाड़ियां बेचनी ही हैं. ऐसे में अगर मस्क भारत सरकार की पॉलिसी से सहमत होते हैं तो भारत में टेस्ला की गाड़ियां कम प्राइस रेंज में मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा. टैक्स कम होने के बाद यही 70 लाख की गाड़ी आपको करीब 37-40 लाख तक की पड़ सकती है.

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