Gayatri Mantra Upay :शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर माता गायत्री की उत्पत्ति हुई है. गायत्री संहिता के अनुसार, गायत्री माता सरस्वती, लक्ष्मी और काली का प्रतिनिधित्व करती हैं.
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Gayatri Jayanti 2023: गायत्री जंयती हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है. इसी दिन निर्जला एकादशी भी होती है, जो भी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है. शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर माता गायत्री की उत्पत्ति हुई है. गायत्री संहिता के अनुसार, गायत्री माता सरस्वती, लक्ष्मी और काली का प्रतिनिधित्व करती हैं. गायत्री माता को “भासते सततं लोके गायत्री त्रिगुणात्मिका” कहा जाता है.
मान्यता है कि जो जातक मां गायत्री की पूरे मन से उपासना करते हैं. उन्हें इन तीनों देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. खासकर छात्रों के लिए गायत्री जयंती का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन कुछ खास उपाय छात्रों को हर कदम पर सफलता दिलाते हैं. तो चलिए जानते हैं गायत्री जयंती के उपाय और गायत्री मंत्र की महीमा के बारे में.
सर्वकल्याणकारी गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra Significance)
'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। '
गायत्री जंयती पर छात्र करें ये उपाय (Gayatri Jayanti Upay for Student)
- गायत्री जयंती के दिन विद्यार्थियों को सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुख करके बैठें. बैठने के लिए कुशा या लाल रंग के आसन का उपयोग करें.
- गायत्री मंत्र के जाप से पहले तांबे के पात्र में गंगाजल भरकर, तुलसी डालें और अपने समक्ष रखें.
- इसके बाद घी का दीपक जलाकर रुद्राक्ष की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें.
- जाप के पश्चात जल को अपने शयनकक्ष में छिड़कें और तुलसी पत्र का सेवन करें. मान्यता है कि नियमित रूप से ऐसा करने पर बच्चों की बुद्धि प्रखर होती है और लंबे समय तक विषय याद करता है, तार्किक क्षमता में वृद्धि होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)