Shiva Natraj Significance: भगवान शिव ने क्यों धारण किया नटराज रुप, कौन हैं उनके पैरों के नीचे; क्या है इसका अर्थ
Bhagwan Shiv Ka Natraj Avtar: भगवान शिव के विभिन्न रुपों और उनके लीलाओं का वर्णन शिव पुराण और स्कंद पुराण में देखने को मिलता है. भगवान शिव का भोलेनाथ रुप जितना सरल और कोमल है. उतना ही उनका रूद्र रुप उतना ही रौद्र है. भगवान शिव को उनके भक्त उनको अलग-अलग नामों से पुकारते हैं. भगवान शिव के आनंदमयी तांडव के रुप को नटराज कहा जाता है.
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Mythology Story Of Natraj Idol: हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली भगवान शिव को माना गया है. भगवान शिव के विभिन्न रुपों और उनके लीलाओं का वर्णन शिव पुराण और स्कंद पुराण में देखने को मिलता है. भगवान शिव का भोलेनाथ रुप जितना सरल और कोमल है. उतना ही उनका रूद्र रुप उतना ही रौद्र है. भगवान शिव को उनके भक्त उनको अलग-अलग नामों से पुकारते हैं. भगवान शिव के आनंदमयी तांडव के रुप को नटराज कहा जाता है. भगवान शिव का नटराज रुप निर्माण और विनाश दोनों का ही प्रतीक है. आज हम आपको नटराज की पौराणिक कथा बताएंगे और उनके पैरों के नीचे कौन है इसकी भी जानकारी देंगे.