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Shani Dhaiya: सभी ग्रहों में शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना गया है. बता दें कि शनि को एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में तकरीबन ढाई साल का समय लगता है. इस साल की शुरुआत में शनि ने कुंभ राशि में प्रवेश किया था और इस समय मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर इस समय शनि की साढ़े साती चल रही है. वहीं, वृश्चिक, कर्क राशि वाले इस समय शनि ढैय्या से गुजर रहे हैं.
जानें क्यों कहते हैं शनि की साढ़े साती
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं. बता दें कि शनि जब किसी व्यक्ति की राशि में बारहवीं राशि में प्रवेश करते हैं, तो वहां ढाई साल तक विराजमान रहते हैं और यहां रहते हुए ही ढाई साल में शनि भ्रमण करते हुए जन्मराशि से आगे बढ़ते हैं और दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. इस प्रकार तीन राशियों को मिलाकर ढाई + ढाई + ढाई = साढ़े सात साल तक रहते हैं. इस अवधि को शनि की साढ़े साती के नाम से जाना जाता है.
जानें क्यों कहते हैं शनि ढैय्या
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जन्मराशि में चतुर्थ और अष्टम स्थान पर होता है, तो उस समयावधि को ढैय्या के नाम से जाना जाता है. शनि की साढ़े साती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति का जीवन परेशानियों से घिर जाता है. जानें अगर आप भी शनि साढ़े साती या ढैय्या से गुजर रहे हैं, तो व्यक्ति को शनिवा के दिन किन उपायों को करना चाहिए.
शनिवार के दिन करें ये उपाय
- साढ़े साती और ढैय्या से बचने के लिए शनिवार के दिन काले तिल, आटा, शक्कर इन तीन चीजों को मिल लें और इसका मिश्रण चीटियों को खिलाएं.
- शनि से जुड़ी बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए काले घोड़े की नाल की कील से अंगूठी बनाकर मध्यमा उंगली में सूर्यास्त के समय धारण करें. बता दें कि ये काम शनिवार के दिन करें.
- शनि दोष से मुक्ति के लिए शनि देव के 10 नामों का कम से कम 108 बार जाप करें.
- मान्यता है कि जो लोग दान आदि करते हैं, शनि देव उनसे प्रसन्न रहते हैं. ऐसे में सामर्थ्य के अनुसार काली तिल, काला कपड़ा, कबल, उड़द की दाल का दान करने से लाभ होगा.
- कहते हैं कि हनुमान जी की पूज करने से शनि दोषों से मुक्ति मिलती है. इसलिए शनिवार के दिन बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें.
- शनि देव को नीले रंग के पुष्प अर्पित करें. साथ ही, शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप रूद्राक्ष की माला से करें. इस उपाय से शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है.
- साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देख कर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान दे दें.
- पीपल के पेड़ में जल अर्पित कर सात बार परिक्रमा करें. सूर्यास्त के बाद किसी सुनसान स्थान पर लगे पीपल के पेड़ पर दीप जलाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)