किताब का दावा, पत्रकारों के कठिन अंग्रेजी के इस्तेमाल ने पाठकों को खबरों से दूर किया
Advertisement
trendingNow1500889

किताब का दावा, पत्रकारों के कठिन अंग्रेजी के इस्तेमाल ने पाठकों को खबरों से दूर किया

किताब के मुताबिक पत्रकार अकसर ऐसे भारी-भरकम और तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिनका इस्तेमाल आम पाठक नहीं करते. 

.(फोटो- FACEBOOK/Kiran Thakur)

नई दिल्ली: एक अध्ययन आधारित पुस्तक में कहा गया है कि भारतीय अखबारों में भारी भरकम अंग्रेजी शब्दों और लंबे-घुमावदार वाक्यों के चलते पाठकों के लिये खबर को समझना मुश्किल हो गया है. वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया से जुड़े शिक्षाविद किरण ठाकुर ने अपनी किताब 'न्यूजपेपर इंग्लिश' में इस बात पर रोशनी डाली है कि कैसे ज्यादातर अखबार ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो सादी और आसान नहीं बल्कि बेहद कठिन है. ठाकुर ने बताया, "मैंने पाया है कि भारतीय पत्रकार लंबे और घुमावदार वाक्यों, गैरजररूरी शब्दों और बेहद लफ्फाजी वाली भाषा का इस्तेमाल करते हैं और वह ऐसी खबर लिखते हैं जिसे समझना आम पाठक के लिये मुश्किल होता है."

किताब के मुताबिक पत्रकार अकसर ऐसे भारी-भरकम और तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिनका इस्तेमाल आम पाठक नहीं करते. इसकी वजह से उनका पाठकों के साथ संवाद बाधित होता है. किताब में बताया गया है कि कैसे परोक्ष वाक्यों की जगह प्रत्यक्ष वाक्यों का इसेतमाल करना न सिर्फ वाक्य को घुमावदार और लफ्फाजी वाला होने से बचाता है बल्कि ये उन वाक्यों को आसान बनाकर पाठकों को आकर्षित करता है. 

fallback
.(फोटो- FACEBOOK/Kiran Thakur)

किताब में कहा गया है, "पाठक आमतौर पर व्यस्त लोग होते हैं. वे हर खबर न तो पढ़ सकते हैं और न ही पढ़ना चाहेंगे. वह अपनी पसंद के आधार पर खबर का चुनाव करते हैं. लिहाजा खबर की सुर्खियां, चित्र या कार्टून चटपटे होने चाहिये ताकि वह पाठकों को अपनी ओर खींच सके."

किताब के मुताबिक पहले ही पैराग्राफ में कहानी का सार दिया जाना चाहिये ताकि पाठक यह तय कर सके कि उसे आगे पढ़ना है या नहीं. किताब में कहा गया है, "इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी पाठक ने दूसरा पैराग्राफ पहले पढ़ा हो. पाठक दूसरा पैराग्राफ तभी पढ़ते हैं जब उन्हें पहला पैराग्राफ समझ आ जाता है.

अगर आप यह बात नहीं जानते, तो आपका पाठक किसी दूसरी जगह खबर पढ़ना पसंद करेगा." किरण ठाकुर की इस किताब का प्रकाशन पुणे स्थित विश्वकर्मा पब्लिकेशन्स ने किया है और इसकी कीमत 225 रुपये रखी गई है . 

इनपुट भाषा से भी 

 

Trending news