Credit Card: लोकलसर्किल्स की ओर से जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. सर्वे में 23 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे क्रेडिट या डेबिट कार्ड धोखाधड़ी का शिकार बने. वहीं 13 प्रतिशत का कहना था कि उन्हें खरीद, बिक्री और वर्गीकृत साइट उपयोगकर्ताओं के जरिए धोखा दिया गया.
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Financial Fraud: देश में ऑनलाइन लेनदेन का कल्चर बढ़ता ही जा रहा है. ऑनलाइन लेनदेन के कारण लोगों को कैश नहीं रखना पड़ता और छोटा-बड़ा पेमेंट ऑनलाइन ही कर देते हैं. हालांकि जैसे-जैसे ऑनलाइन लेनदेन बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी के भी कई मामले सामने आए हैं. करीब 39 प्रतिशत भारतीय परिवार पिछले तीन साल के दौरान ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बने हैं. वहीं इनमें से सिर्फ 24 प्रतिशत को ही उनका पैसा वापस मिल पाया है. एक सर्वे में ये बातें सामने आई है.
धोखाधड़ी का शिकार
लोकलसर्किल्स की ओर से जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. सर्वे में 23 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे क्रेडिट या डेबिट कार्ड धोखाधड़ी का शिकार बने. वहीं 13 प्रतिशत का कहना था कि उन्हें खरीद, बिक्री और वर्गीकृत साइट उपयोगकर्ताओं के जरिए धोखा दिया गया. सर्वे के अनुसार 13 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वेबसाइट के जरिए उनसे पैसा ले लिया गया, लेकिन उत्पाद नहीं भेजा गया. 10 प्रतिशत ने कहा कि वे एटीएम कार्ड धोखाधड़ी का शिकार बने.
फ्रॉड
अन्य 10 प्रतिशत ने कहा कि उनके साथ बैंक खाता धोखाधड़ी की गई. वहीं 16 प्रतिशत ने बताया कि उनको कुछ अन्य तरीके अपनाकर चूना लगाया गया. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सर्वे में शामिल 30 प्रतिशत परिवारों में से कोई एक सदस्य वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बना है. वहीं नौ प्रतिशत ने कहा कि उनके परिवार के कई सदस्य इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार बने.
धोखाधड़ी
57 प्रतिशत का कहना था कि वे और उनके परिवार का कोई भी सदस्य इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार बनने से बच गए. चार प्रतिशत ने इस बारे में स्पष्ट रूप से अपनी राय नहीं बताई. सर्वे में देश के 331 जिलों के 32,000 लोगों की राय ली गई. इनमें 66 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं थीं. सर्वे में शामिल 39 प्रतिशत लोग पहली श्रेणी के शहरों से, 35 प्रतिशत दूसरी श्रेणी और 26 प्रतिशत तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों और ग्रामीण जिलों के थे...
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