संशोधन में प्रावधान है कि सरकार ऐसे उत्पादन संयंत्र को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की अनुमति दे सकती है, जो अपनी पूरी या आंशिक क्षमता को लगातार निर्यात नहीं कर पा रहे हैं.
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Bangladesh Crisis: अडानी पावर ने कहा कि वह 1,600 मेगावाट की क्षमता वाले झारखंड प्लांट से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति जारी रखेगी. इस प्लांट से उत्पादित 100 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति बांग्लादेश को की जानी थी. बिजली मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में निर्यातोन्मुख यूनिट के रूप में स्थापित संयंत्रों से भारत के अंदर बिजली बेचने की अनुमति देने के लिए बिजली आयात/निर्यात दिशानिर्देशों में संशोधन किया था.
100 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति बांग्लादेश को
संशोधन में प्रावधान है कि सरकार ऐसे उत्पादन संयंत्र को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की अनुमति दे सकती है, जो अपनी पूरी या आंशिक क्षमता को लगातार निर्यात नहीं कर पा रहे हैं. या जहां बिजली खरीद समझौते (PPA) के तहत भुगतान में देरी सहित किसी भी चूक की स्थिति बन रही है. भारत के भीतर बिजली की बिक्री को सुविधाजनक बनाने के लिए ऐसा किया गया. अडानी पावर का 1,600 मेगावाट क्षमता वाला गोड्डा संयंत्र शायद देश का एकमात्र संयंत्र है, जिसे बांग्लादेश को 100 प्रतिशत बिजली आपूर्ति की प्रतिबद्धता के साथ स्थापित किया गया है.
दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध
अडानी पावर ने बयान में कहा कि भारत के बिजली निर्यात दिशानिर्देशों में संशोधन एक सार्वभौमिक प्रावधान है, जिसका मकसद मौजूदा व्यवस्थाओं में बदलाव किए बिना बिजली निर्यात प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाना है. कंपनी ने कहा, ‘हम अपने गोड्डा प्लांट से बांग्लादेश को निर्बाध बिजली दे रहे हैं. हम बांग्लादेश को भरोसेमंद बिजली आपूर्ति के महत्व को समझते हैं और बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड (BPDB) की मांग अनुसूची और पीपीए के प्रावधानों के अनुसार करार के दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
अडानी पावर की तरफ से बयान आने से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि हिंसा की मार झेल रहे बांग्लादेश की मुसीबत बढ़ सकती है. पड़ोसी देशों को अपने घरेलू पावर प्लांट से बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों को सरकार ने देश में बिजली बेचने की इजाजत दे दी. इसके बाद अडानी पावर भारत को बिजली बेचने के लिए स्वतंत्र था. अभी यह प्लांट केवल बांग्लादेश को ही बिजली आपूर्ति करता है.